Last Updated: Monday, April 29, 2013, 00:42

इस्लामाबाद : पाकिस्तान में आगामी 11 मई को होने वाले आम चुनाव में किसी भी दल को बहुमत नहीं मिलने के आसार हैं। नेशनल एसंबली की 342 सीटों के लिए चुनाव में अब दो सप्ताह से भी कम का वक्त बचा हुआ है। पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पीएमएल-एन सबसे बड़ी पार्टी के रूप में सामने आ सकती है, हालांकि उसके गढ़ पंजाब में इमरान खान की पार्टी उसे नुकसान पहुंचा रही है।
जानकारों का कहना है कि पाकिस्तान में फिर से गठबंधन की सरकार बन सकती है।
पिछले चुनाव में बेनजीर भुट्टो की हत्या को लेकर सहानूभूति की लहर के बीच पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) को 125 सीटें मिली थीं। परंतु इस बार उसे खासी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है।
इस बार न्यायपालिका ने राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को चुनाव प्रचार में हिस्सा लेने से रोक रखा है और ऐसे में पीपीपी को अपने मजबूत गढ़ सिंध में संघर्ष करना पड़ेगा।
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान द्वारा खबर पख्तूनख्वाह में पीपीपी और उसके सहयोगियों पर हमले के कारण उसे इस क्षेत्र में चुनावी अभियान को सीमति करना पड़ा है।
जानकारों का कहना है कि इस चुनाव में शरीफ को फायदा हो सकता है। शरीफ और उनके भाई शाहबाज शरीफ की चुनावी सभाओं में भारी भीड़ उमड़ रही है। पिछले चुनाव में पीएमएल-एन को 92 सीटें मिली थीं। इनमें 69 लोग प्रत्यक्ष चुनाव प्रक्रिया के तहत चुने गए थे, जबकि 20 सीटें महिलाओं और गैर मुस्लिमों के आरिक्षत श्रेणियों से उसे मिली थी।
पाकिस्तानी चुनावी व्यवस्था के अनुसार प्रत्यक्ष चुनाव के जरिए मिली सीटों के अनुपात में आरक्षित सीटें संबंधित दलों के बीच बांट दी जाती हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ चुनावी सभाओं में उमड़ने वाली भीड़ को मत में तब्दील करने में कामयाब हो जाती है तो फिर पीएमएल-एन की सीटें इस बार घट सकती हैं। (एजेंसी)
First Published: Sunday, April 28, 2013, 15:21