Last Updated: Wednesday, September 25, 2013, 21:04
इस्लामाबाद : दक्षिण पश्चिम पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में आये विनाशकारी भूकंप के बाद से सैनिक और बचाव दल राहत अभियान में जुटे हुए हैं और इस बीच मरने वालों की संख्या बढ़कर आज 350 के करीब पहुंच गई। बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा में आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि 7.7 की तीव्रता के भूकंप में कम से कम 350 लोग मारे गए हैं। सबसे ज्यादा मौतें अवारान जिले में हुई हैं।
राष्ट्रीय आपदा प्राधिकरण के प्रमुख मेजर जनरल मुहम्मद सईद अलीम ने संवाददाताओं को बताया कि 271 लोगों की मौत तथा 246 लोगों के घायल होने की जानकारी मिली है। कुछ दूसरे अधिकारियों ने कहा कि 327 शव अवारान और केछ में बरामद किए गए हैं। अधिकारियों का कहना है कि मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि दुर्गम इलाके और सड़कों के अभाव में बचाव दल बलूचिस्तान के कई दूरदराज के इलाकों तक आज नहीं पहुंच पाये। आधिकारिक अनुमानों के अनुसार भूकंप में 300,000 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। बहुत सारे लोगों तक खाना, पानी तथा रहने की सुविधा नहीं पहुंचायी जा सकी है। अधिकारियों ने कहा कि गर्म मौसम के कारण स्थिति ज्यादा विकट हो गई।
बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री अब्दुल मलिक बलूच ने कल अवारान और पांच अन्य जिलों में आपात स्थिति घोषित की। राहत एवं बचाव कार्य में सेना और फ्रांटियर कॉर्प के एक हजार से अधिक जवान लगे हुए हैं। सैन्य अधिकारियों ने बताया कि प्रभावित इलाको में और सैनिकों को भेजा जा रहा है। बड़ी संख्या में लोगों को मकानों के मलबों से निकाला गया और घायलों को सेना और फ्रंटियर कोर के चिकित्सकों ने चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध करायी।
अवारान जिले में स्थानीय लोगों ने कहा कि नगर में अस्पतालों, विद्यालयों और सरकारी इमारतों सहित लगभग सभी इमारतों को नुकसान हुआ है। बलूचिस्तान सरकार के प्रवक्ता जान बुलेदी ने कहा कि बलूचिस्तान सरकार ने अवारान के लिए 1000 तंबू, 500 खाद्य पैकेट, दवाएं, 15 एंबुलेंस रवाना की हैं।
बुलेदी ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भूकंप से प्रांत के छह जिले प्रभावित हुए हैं। अवारान भूकंप से सबसे अधिक प्रभावित हुआ है जहां सैकड़ों कच्चे मकान क्षतिग्रस्त हो गए। भूकंप इतना तगड़ा था कि इससे पाकिस्तान के दक्षिणी तट के पास समुद्र में एक नया ‘द्वीप’ निकल आया। भूकंप से समुद्र के जल का स्तर घट गया जिससे अरब सागर में ग्वादर तट के पास समुद्र में लगभग 600 मीटर का एक छोटा टीले जैसा द्वीप बन गया। द्वीप को देखने के लिए तट पर बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हो गए थे।
राष्ट्रीय समुद्र विज्ञान संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक अधिकारी डा आसिफ इनाम ने कहा, ‘‘द्वीप भूकंप के तत्काल बाद निकल आया। ग्वादर में स्थित हमारे कर्मचारी ने सूचित किया है कि द्वीप तट से करीब डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। गत 15 वर्षों के दौरान यह तीसरी बार है जब बलूचिस्तान तट के पास ऐसी घटना हुई है।
इससे पहले दो द्वीप क्रमश: 1999 और 2011 में मकरान तट से दो किलोमीटर दूर निकले थे। दोनों द्वीप भूकंप के बिना बने थे और ये तेज बहाव और हवा से नष्ट हो गए थे। इसी क्षेत्र में वर्ष 1945 में एक द्वीप उभरा था। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, September 25, 2013, 21:04