पाकिस्तान में सैन्य अड्डा बनाएगा चीन ! - Zee News हिंदी

पाकिस्तान में सैन्य अड्डा बनाएगा चीन !

इस्लामाबाद : चीन ने अपने अशांत झिंजियांग प्रांत से लगे पाकिस्तान के उत्तरी कबायली क्षेत्र में सैन्य अड्डा स्थापित करने में रुचि दिखाई है ताकि चरमपंथियों की गतिविधियों पर अंकुश लगाया जा सके।

 

द न्यूज डेली ने राजनयिक सूत्रों के हवाले से कहा कि चीन का सैन्य अड्डा स्थापित करने में रुचि का मकसद अल कायदा से जुड़े पूर्वी तुर्किस्तान इस्लामिक आंदोलन से संबंधित चीनी विद्रोहियों की बढ़ती आतंकी गतिविधियों पर लगाम लगाना है। चीनी विद्रोही स्वतंत्र इस्लामिक राज्य चाहते हैं और खबरों के अनुसार उन्हें पाकिस्तान के कबायली क्षेत्र में प्रशिक्षण प्राप्त हो रहा है।

 

रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन चाहता है कि पाकिस्तान में उसकी सैन्य मौजूदगी हो और इस विषय में दोनों देशों के राजनीतिक और सैन्य नेतृत्व के बीच हाल में व्यापक चर्चा भी हुई है। चीन, पाकिस्तान के कबायली क्षेत्र को लेकर काफी चिंतित है जो एक तरह से चरमपंथियों का स्वर्ग बन गया है।

 

रिपोर्ट के अनुसार, ‘चीन मानता है कि पाकिस्तान में अमेरिका की सैन्य उपस्थिति की तर्ज पर चीनी मौजूदगी से मुस्लिम अलगाववादियों से प्रभावी ढंग से मुकाबला किया जा सकता है। ये चरमपंथी पिछले एक दशक से पाकिस्तान के कबायली क्षेत्र से चीन के झिंजियांग प्रांत में अपनी गतिविधि चला रहे हैं।’ हाल के महीने में पाकिस्तान के तीन महत्वपूर्ण नेताओं ने चीन का दौरा किया। इनमें विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार, राष्ट्रपति आसिल अली जरदारी और आईएसआई के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शुजा पाशा शामिल हैं। पाकिस्तानी नेताओं की इन यात्राओं के बाद चीन के उप प्रधानमंत्री मेंग जियांझू इस्लामाबाद आए थे।

 

रिपोर्ट के अनुसार, यह यात्रा झिंजियांग प्रांत के काशगर शहर में 30 जुलाई और 31 जुलाई को हुए दो बम धमाकों के बाद हुई जिसमें 18 लोगों की मौत हो गई थी। इस विस्फोट के बाद पहली बार झिंजियांग प्रांत के अधिकारियों ने दावा किया कि हमलावरों को पाकिस्तान के वजीरिस्तान कबायली क्षेत्र में चीनी मुस्लिम चरमपंथियों द्वारा ईटीआईएम कैम्प में प्रशिक्षण प्रदान किया गया था।

 

रिपोर्ट के अनुसार, चीन का मानना है कि चीनी विद्रोही पाकिस्तान के कबायली क्षेत्र से गतिविधियां चला रहे हैं और उनका अल कायदा से सम्पर्क है, जो इन्हें प्रशिक्षण प्रदान करने के साथ धन मुहैया कराता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान और चीन लम्बे समय से आतंकवाद निरोधक कार्यों में एक दूसरे से सहयोग करते रहे हैं और काशगर विस्फोट के बाद इस बुराई से निपटने में अपने प्रयासों को और तेज करेंगे। रिपोर्ट के अनुसार, ‘दो मई को एबटाबाद में एक ठिकाने पर अमेरिकी सैनिकों के हमले में ओसामा बिन लादेन की मौत के बाद पाकिस्तान ने वाशिंगटन के समक्ष चीन कार्ड रखा था।

 

अमेरिकी कार्रवाई के तत्काल बाद, प्रधानमंत्री युसुफ रजा गिलानी चीन से समर्थन हासिल करने वहां गए थे। गिलानी के साथ यात्रा पर गए रक्षा मंत्री अहमद मुख्तार ने कहा कि पाकिस्तानी पक्ष ने जिस प्रकार के सहयोग का आग्रह किया है, चीनी पक्ष को इसे प्रदान करने में खुशी होगी। मुख्तार ने कहा था कि पाकिस्तान ने चीन से ग्वादर में नौसेना अड्डे का निर्माण करने को कहा था। पाकिस्तान की इस पहल का उद्देश्य भारत की नौसेना के साथ संतुलन स्थापित करना है। (एजेंसी)

First Published: Thursday, October 27, 2011, 15:58

comments powered by Disqus