Last Updated: Monday, September 9, 2013, 19:21

इस्लामाबाद : भारत में जन्मे और प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के करीबी माने जाने वाले ममनून हुसैन ने सोमवार को पाकिस्तान के राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली। इस प्रकार देश का पहला लोकतांत्रिक सत्ता हस्तांतरण पूरा हुआ।
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति इफ्तिखार चौधरी ने यहां प्रेसीडेंसी में हुसैन को शपथ दिलाई। इस समारोह में शरीफ, तीनों सेनाओं के प्रमुख और सभी दलों के शीर्ष नेता शामिल हुए।
यह अपनी तरह का अनोखा समारोह था क्योंकि राष्ट्रपति के तौर पर पांच साल का कार्यकाल पूरा करने वाले और कल पद छोड़ने वाले पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी भी इस समारोह में शामिल हुए। इस कार्यक्रम का टीवी चैनलों पर सीधा प्रसारण किया गया।
जरदारी संवैधानिक कार्यकाल पूरा करने वाले पहले निर्वाचित राष्ट्रपति हैं और उनकी जगह निर्वाचित सदस्य ही यह पद संभालेंगे। हुसैन देश के 12वें राष्ट्रपति होंगे।
जरदारी की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी ने राष्ट्रपति चुनावों का बहिष्कार किया था। जरदारी ने हुसैन को जिम्मेदारियां संभालने के लिए शुभकामनाएं दीं।
तीस जुलाई को हुए एकतरफा चुनाव में 73 वर्षीय हुसैन ने पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ पार्टी के उम्मीदवार पूर्व न्यायाधीश वजीहुददीन अहमद को हराया था।
ऐतिहासिक शहर आगरा में जन्मे और वर्ष 1947 में बंटवारे के समय भारत से यहां आकर बसे हुसैन सत्तारूढ़ पीएलएम एन के उम्मीदवार थे। कराची के कपड़ा व्यवसायी हुसैन, शरीफ के करीबी हैं और पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ के शासन के दौरान भी पीएमएल एन के सदस्य थे।
वह जून-अक्तूबर 1999 के दौरान थोड़े समय के लिए दक्षिणवर्ती सिंध प्रांत के गवर्नर थे और शरीफ के खिलाफ मुशर्रफ के सैन्य तख्तापलट के बारे पद छोड़ने को मजबूर हुए थे।
हुसैन ने 1960 के दशक में कराची में इंस्टीट्यूट आफ बिजनिस एडमिनिस्ट्रेशन से स्नातक किया था। वह कराची चैंबर्स आफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रमुख भी रहे हैं। (एजेंसी)
First Published: Monday, September 9, 2013, 19:21