Last Updated: Tuesday, January 17, 2012, 10:14
वाशिंगटन : पाकिस्तानी सैनिकों पर नाटो के पिछले साल 24 नवम्बर के हमले के बाद इस्लामाबाद द्वारा आपूर्ति मार्गों को बंद करने तथा चरमपंथी गुटों से संपर्क को लेकर नीति में कोई बदलाव नहीं करने से अमेरिका का धर्य टूटता जा रहा है।
वाशिंगटन पोस्ट के अनुसार जो बात ओबामा प्रशासन को सबसे अधिक साल रही है वह यह कि पाकिस्तान अमेरिका के खिलाफ होता जा रहा है और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के लिए किसी अनुरोध के लिए वह पहले के मुकाबले अक्सर ‘नहीं ’ कह कर टाल रहा है। एक मामले में तो पाकिस्तानी विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन से साफ कह दिया कि उनके देश की हवाई सीमा पर कोई अनधिकृत उड़ान को गिराए जाने का जोखिम होगा।
यही नहीं, पाकिस्तान ने पाकिस्तान और अफगानिस्तान के लिए अमेरिकी विशेष प्रतिनिधि मार्क ग्रोसमैन की इस हफ्ते शुरू हुई क्षेत्र की यात्रा के दौरान इस्लामाबाद यात्रा के अनुरोध को ही खारिज कर दिया। अखबार ने अमेरिका और पाकिस्तान दोनों जगहों के बेनामी अफसरों से बातचीत और साक्षात्कार पर आधारित विश्लेषण में कहा, ‘अमेरिका में ओबामा पर दबाव है कि वह इस्लामाबाद को जताए कि कौन विश्वशक्ति है। यहां धैर्य की सीमा टूटती जा रही है क्योंकि अफगान युद्ध को समेटने के प्रयासों में पाकिस्तान का दोहरा रवैया आड़े आ रहा है।’
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, January 17, 2012, 15:44