Last Updated: Monday, April 1, 2013, 13:59
इस्लामाबाद : पाकिस्तान की सघन आबादी वाले पंजाब प्रांत की आतंकवाद-रोधी अदालतों द्वारा पिछले साल निपटाए गए कुल 559 मामलों में से लगभग आधे मामले ऐसे हैं, जिनमें मामला खारिज करके आतंकवाद के आरोपियों को मुक्त करना पड़ा क्योंकि गवाह अपनी बात से मुकर गए थे।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून में आधिकारिक आंकड़ों के हवाले से कहा गया कि 271 मामले खारिज कर दिए गए जबकि 145 मामलों में दोषसिद्धि हुई। कुल 414 मामलों में आरोपी को मुक्त कर दिया गया जबकि 124 मामलों में संदिग्धों को ‘मामले की गुणवत्ता’ के आधार पर छोड़ा गया। 19 मामले ऐसे थे जिनमें पक्षों के बीच समझौता हो गया था।
आतंकवाद रोधी कानून के तहत आरोपी या दोषी पक्षों के बीच समझौते पर सवाल उठाए जाने पर पंजाब के मुख्य अभियोजक चौधरी मोहम्मद जहांगीर ने कहा कि कुछ मामले ऐसे थे, जिनमें शिकायतकर्ता निजी पक्ष थे न कि सरकार । ऐसे मामलों को पाकिस्तान दंड संहिता की धारा 302 (हत्या से संबंधित) और आतंकवाद-रोधी कानून की धारा सात के तहत दर्ज किया जाता है।
जहांगीर ने कहा कि जब शिकायतकर्ताओं और आरोपी के बीच समझौता हो जाता है तो अदालतें आरोपियों को यह मानकर जाने देती हैं कि मुख्य अपराध पाकिस्तान दंड संहिता के अंतर्गत हुआ है।
उप महाअभियोजक खुर्राम खान ने कहा कि बड़ी संख्या में गवाह ‘डर, धमकियों और अदालत के बाहर समझौतों’ के चलते गवाही से मुकर जाते हैं। उन्होंने कहा कि हालांकि आतंकवाद रोधी कानून के तहत आने वाले आरोप अक्षम्य हैं फिर भी इसमें शामिल पक्ष समझौता कर लेते हैं। ऐसा खासकर हत्या के मामलों में होता है।
खान ने कहा, ‘‘चूंकि अदालत इसकी इजाजत नहीं देती है इसलिए गवाह अपने बयान से मुकर जाते हैं।’’ उन्होंने कहा, गवाहों के मुकर जाने की दर काफी उंची होने की वजह डर और फिरौती के लिए अपहरण की धमकियां आदि हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘बहुत कम लोग ही आगे आते हैं। चूंकि हमारे पास गवाहों की सुरक्षा का कोई कार्यक्रम नहीं है इसलिए वे अपने बयान बदल लेते हैं।’’ आतंकी हमलों के जघन्य मामलों में शिकायतकर्ता प्राय: पुलिस होती है।
पंजाब पुलिस प्रमुख की प्रवक्ता नबीला घाजंफर ने कहा कि आपराधिक न्यायिक व्यवस्था में कई दोष होने की वजह से आतंक संदिग्धों की रिहाई हो जाती है। आतंकवाद के मामलों में अधिकतर रिहाई की मुख्य वजह गवाहों का मुकरना है। पंजाब पुलिस प्रमुख और सरकार इस चलन को रोकने के लिए गवाह सुरक्षा कार्यक्रम चलाने के लिए सोच रही है। (एजेंसी)
First Published: Monday, April 1, 2013, 13:59