Last Updated: Monday, March 12, 2012, 16:12
इस्लामाबाद : पाकिस्तान ने तालिबान सहित उग्रवादी गुटों को शांति वार्ता के लिये आमंत्रित करते हुए सोमवार को कहा कि अगर प्रतिबंधित संगठन अपनी ‘उग्रवादी गतिविधि ’ बंद कर दें तो उन्हें आतंकवादी सूची से हटा दिया जायेगा।
गृह मंत्री रहमान मलिक ने कहा, अगर प्रतिबंधित संगठन हमें आश्वस्त करें कि वह अपनी उग्रवादी गतिविधि बंद कर देंगे तो हम कुछ दिनों में उनसे मिलना चाहेंगे। मलिक ने कहा कि सरकार से कई प्रतिबंधित संगठनों ने सम्पर्क कर कहा है कि वह बातचीत के लिये मिलना चाहते हैं। उन्होंने उन संगठनों का नाम जाहिर नहीं किया लेकिन कहा कि सरकार ने तालिबान तक से बातचीत की पेशकश की है बशर्ते वह हिंसा त्याग दें।
पाकिस्तान ने 2008 के मुंबई हमले के लिये जिम्मेदार ठहराये गये लश्कर-ए-तैयबा के अलावा जैश-ए-मोहम्मद अलकायदा तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान और सिपह-ए-शहाबा सहित करीब 40 उग्रवादी संगठनों को प्रतिबंधित किया है।
इनमें से कई लेकिन नये नामों के साथ सक्रिय हैं। लश्कर-ए-तैयबा जमात-उद-दावा और फलह-ए-इंसानियत फाउंडेशन के नाम से सक्रिय है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने मुंबई हमले के बाद जमात-उद-दावा को लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा घोषित किया है। (एजेंसी)
First Published: Monday, March 12, 2012, 21:42