पाकिस्तान: सुप्रीम कोर्ट ने पाक पीएम की गिरफ्तारी के आदेश दिए, Arrest PM Raja Pervez Ashraf within 24 hours: Pakistan SC

पाक में सियासी संकट, PM अशरफ को गिरफ्तार करने का आदेश

पाक में सियासी संकट, PM अशरफ को गिरफ्तार करने का आदेशइस्लामाबाद : पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने बिजली परियोजनाओं के लिए कथित रूप से रिश्वत लेने के मामले में मंगलवार को प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ की गिरफ्तारी का आदेश दिया। शीर्ष अदालत के इस आदेश से देश में ताजा राजनीतिक संकट पैदा हो गया है।

मौलवी ताहिरूल कादरी की प्रांतीय विधानसभाएं और संसद भंग करने की मांग को लेकर जारी प्रदर्शन झेल रहा पाकिस्तान अनिश्चितताओं में घिरता नजर आ रहा है क्योंकि शीर्ष अदालत ने अधिकारियों को गिरफ्तारी आदेश का पालन करने के लिए सिर्फ 24 घंटे का समय दिया है। संभावना है कि इस आदेश के कारण देश को एक साल के भीतर दूसरे प्रधानमंत्री को पद छोड़ते हुए देखना पड़े।

पिछले साल जून में यूसुफ रजा गिलानी के इस्तीफे के बाद प्रधानमंत्री बनने वाले 62 वर्षीय अशरफ पर केन्द्रीय जल एवं बिजली मंत्री रहते ‘रेंटल पावर प्रोजेक्ट’ में घूस लेने का आरोप है।

राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले फिर से खोलने के लिए स्विट्जरलैंड के अधिकारियों को पत्र लिखने से इंकार करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में कानूनी लड़ाई के बीच गिलानी को पद छोड़ना पड़ा था। अशरफ के पद संभालने के बाद सरकार ने स्विस अधिकारियों को पत्र लिखा था।

अभी यह स्पष्ट नहीं है कि अशरफ के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के आदेश के राजनीतिक परिणाम क्या होंगे क्योंकि संभवत: यह पहला मामला है जब किसी भ्रष्टाचार के मामले में पदासीन प्रधानमंत्री को गिरफ्तार करने का आदेश दिया गया है।

यह देखना होगा कि क्या सत्तारूढ पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) अशरफ की जगह किसी नए नेता को चुनेगी। पिछले साल मार्च में, सुप्रीम कोर्ट ने सरकार द्वारा ‘रेंटल पावर प्लांट’ के लिए हस्ताक्षरित सभी अनुबंधों को अवैध घोषित किया था और अधिकारियों को परियोजनाओं को मंजूरी देने वाले अशरफ सहित सभी जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का निर्देश दिया था।

देश की प्रमुख भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) ने अब तक अदालत के निर्देशों का पालन करने से इंकार किया था।

आज की सुनवाई के दौरान, पीठ ने एनएबी प्रमुख फसीह बुखारी के खिलाफ अदालत की अवमानना का नोटिस जारी किया।

बिजली परियोजनाओं की जांच में शामिल दो अधिकारियों के तबादले से नाराज प्रधान न्यायाधीश इफ्तिखार चौधरी के नेतृत्व वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने एनएबी को 24 घंटे के भीतर अशरफ और 20 से अधिक अन्य आरोपियों को गिरफ्तार करने का निर्देश दिया।

न्यायाधीश इस बात से विशेष तौर पर नाराज दिखे कि एनएबी के दो अधिकारियों का तबादला इस झूठे आधार पर किया गया कि शीर्ष अदालत उनके कामकाज से नाखुश है।

कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि शीर्ष अदालत ने अशरफ की गिरफ्तारी का आदेश दिया है जबकि उन्हें बिजली परियोजनाओं में भ्रष्टाचार के मामले में दोषी नहीं ठहराया गया है और इससे इन अटकलों को हवा मिलती है कि न्यायपालिका की कार्रवाई कहीं न कहीं सरकार को हटाने के कादरी के प्रयासों से जुड़ी है। संसद के पास एक चौक पर एकत्रित कादरी के हजारों समर्थकों में अशरफ की गिरफ्तारी की खबर सुनकर खुशी की लहर दौड़ गई।

कादरी ने जब अदालत के आदेश के बारे में समर्थकों को सूचित किया तो वे सुप्रीम कोर्ट के पक्ष में नारे लगाने लगे।

आज सुबह अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कादरी ने मांग की थी कि सरकार बख्रास्त होनी चाहिए और प्रांतीय विधानसभाओं तथा संसद को भंग किया जाना चाहिए। कादरी ने देर रात ढाई बजे अपने भाषण में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को ‘पूर्व राष्ट्रपति और पूर्व प्रधानमंत्री’ बताया जिससे अटकलें लगना शुरू हो गईं कि उनका सरकार को हटाने के लिए काम कर रहे तत्वों से कुछ संबंध है।

कई रेंटल बिजली परियोजनाओं से संबंधित अनुबंधों पर हस्ताक्षर किये जाने के समय अशरफ बिजली मंत्री थे। ये परियोजनाएं पीपीपी नीत सरकार की बिजली की कमी को दूर करने के रणनीति का हिस्सा थीं।

वर्ष 2011 में कैबिनेट में फेरबदल के दौरान अशरफ को पद से हटा दिया गया था लेकिन वह राष्ट्रपति जरदारी के करीब बने रहे। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, January 15, 2013, 15:15

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