Last Updated: Thursday, December 8, 2011, 11:08
वॉशिंगटन : दिल के रोग के चलते दुबई में इलाज करा रहे आसिफ अली जरदारी का स्वास्थ्य स्थिर है लेकिन वह कुछ और दिन अस्पताल में रहेंगे हालांकि इस बीच अमेरिका ने कहा है कि पाकिस्तान के राष्ट्रपति की संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा का कोई राजनीतिक उद्देश्य नहीं है और गुपचुप सैन्य विद्रोह का कोई संकेत नहीं है।
जरदारी की पाकिस्तान से अचानक रवानगी को अधिक तवज्जो नहीं देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मार्क टोनर ने कहा कि अमेरिका के पास यह मानने का कोई कारण नहीं है कि दुबई की उनकी यात्रा राजनीतिक उद्देश्य से की गई है।
टोनर ने वाशिंगटन में अपने नियमित संवाददाता सम्मेलन में कहा, हमारा मानना है कि यह पूरी तरह से स्वास्थ्यगत कारणों से है। जरदारी के सत्ता से हटने संबंधी पाकिस्तान और अमेरिका के मीडिया के एक वर्ग में आई खबरों के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, इसे लेकर कोई न तो चिंता है और न ही इस बात को मानने का कोई कारण है कि इस्लामाबाद में कोई सैन्य तख्तापलट होने जा रहा है ।
जरदारी के अचानक दुबई जाने से अटकलों का बाजार गर्म हो गया था और अमेरिका की पत्रिका फॉरेन पॉलिसी के केबल ने कहा था कि अमेरिकी सरकार में यह संभावना जोर पकड़ रही है कि जरदारी सत्ता से हट सकते हैं। 56 वर्षीय जरदारी को दुबई के एक अस्पताल में दिल के रोग के बाद भर्ती कराया गया था और संयुक्त अरब अमीरात में पाकिस्तान के राजदूत जमील अहमद खान ने कहा था कि अब तक कराई गई जांच सामान्य स्तर में है और उनका स्वास्थ्य स्थिर है। खान ने खलीज टाइम्स को जानकारी दी थी कि जरदारी के चिकित्सा परीक्षण संतोषजनक हैं लेकिन उन्हें अस्पताल में चिकित्सकों की निगरानी में रखा जाएगा।
उन्होंने कहा, राष्ट्रपति के स्वास्थ्य की नियमित समीक्षा की जा रही है और दिल की उनकी मौजूदा स्थिति की जांच की जा रही है। वह तब तक अस्पताल में रहेंगे, जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती। गल्फ न्यूज ने अधिकारियों के हवाले से उन खबरों को खारिज कर दिया जिनमें कहा गया था कि जरदारी की एंजियोप्लास्टी कराई गई है। उन्होंने कहा, दरअसल राष्ट्रपति का एमआरआई कराया गया ताकि इस बात की जांच की जा सके कि उनके मस्तिष्क में कहीं खून का थक्का तो नहीं है। (एजेंसी)
First Published: Thursday, December 8, 2011, 16:40