Last Updated: Friday, November 18, 2011, 07:22
वाशिंगटन: पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ओसामा बिन लादेन की मौत के बाद सैन्य विद्रोह की आशंका से काफी डरे हुए महसूस कर रहे थे।
अमेरिका के अनुकूल एक नया सुरक्षा दल बनाने के लिये तैयार थे और अमेरिका से वादा किया था कि वह पाक स्थित 26/11 के मुंबई हमले के दोषियों को भारत को सौंपने के लिये तैयार है जिसमें उसके खुफिया एजेंसी के लोग भी शामिल हैं।
जरदारी के ये वादे अमेरिका के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टॉफ के चेयरमैन माइक मुलेन को दिये गये गुप्त ज्ञापन का हिस्सा हैं।
जरदारी की तरफ से भेजा गया यह गुप्त ज्ञापन दो मई को ऐबटाबाद में एक सुरक्षित पनाहगाह में ओसामा बिन लादेन की मौत के बाद पाकिस्तानी अमेरिकी व्यवसायी मंसूर एजाज द्वारा मुलेन को इस साल मई महीने में सौंपा गया था ।
इस गुप्त ज्ञापन को सबसे पहले एजाज ने ही लीक किया और पिछले महीने फाइनेंसिअल टाइम्स में एक लेख लिखा था। ज्ञापन के मुताबिक असैनिक सरकार का नेतृत्व कर रहे जरदारी एक नया सुरक्षा ढांचा बनाना चाहते थे।
एजाज ने दावा किया कि इस ज्ञापन का मसौदा अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत हुसैन हक्कानी ने तैयार किया था । इस आरोप को खारिज करने वाले हक्कानी ने इसी विवाद पर अपना इस्तीफा जरदारी को भेज दिया।
मुलेन के प्रवक्ता रह चुके कैप्टन जॉन किर्बी ने पेंटागन में संवाददाताओं से कहा, ‘न ही ज्ञापन की विषयवस्तु और न ही इसके अस्तित्व को बदला गया।’
किर्बी ने कहा, ‘ मुलेन ज्ञापन को पूरी तरह से विश्वसनीय नहीं पाया और उस समय एवं बाद में कोई ध्यान नहीं दिया । इसलिये उन्होंने इसे किसी के साथ नहीं उठाया।’
‘द फॉरेन पॉलसी’ पत्रिका ने गुप्त ज्ञापन की विषय वस्तु और एक कॉपी को अपने ब्लॉग ‘केबल’ में कल रात प्रकाशित किया है।
गुप्त ज्ञापन में कहा गया है, ‘हम नये राष्ट्रीय सुरक्षा दल के दिशा निर्देश अनुसार भारत सरकार के साथ मुंबई हमलों के पाकिस्तानी मूल के सभी षडयंत्रकारियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिये पूरी तरह से सहयोग हेतु तैयार हैं । चाहे वे खुफिया एजेंसियों सहित सरकार के किसी भी हिस्से के भीतर या सरकार से बाहर हो।’
ज्ञापन के मुताबिक, ‘इसमें उन लोगों को सौंपना शामिल है जिनके खिलाफ भारतीय सुरक्षा सेवाओं के पर्याप्त साक्ष्य हैं।’’ केबल में दावा किया गया है कि उसने ज्ञापन की प्रमाणिकता की जांच की है । इस ज्ञापन में आईएसआई और आतंकवादी संगठनों के बीच सीधे संबंध को स्वीकार किया गया है।
ज्ञापन में कहा गया है, ‘‘नया राष्ट्रीय सुरक्षा दल आईएसआई के एस हिस्से को हटा देगा जो तालिबान, हक्कानी नेटवर्क के साथ रिश्ते बनाये रखने के जिम्मेदार है। यह अफगानिस्तान के साथ रिश्तों को नाटकीय रूप से सुधार देगा ।’’ ज्ञापन के मुताबिक राष्ट्रपति की तरफ से नया राष्ट्रीय सुरक्षा दल यह सब कुछ करेगा।
(एजेंसी)
First Published: Saturday, November 19, 2011, 12:22