Last Updated: Monday, November 5, 2012, 17:03

वाशिंगटन : अमेरिका के राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए चल रहे प्रचार अभियान के आखिरी दौर में बराक ओबामा और उनके रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वी मिट रोमनी ने निर्णायक प्रांतों पर ध्यान केंद्रित किया है।
यहां सोमवार रात चुनाव प्रचार थम जाएगा। इसी के साथ ही राष्ट्रपति ओबामा और रोमनी के बीच महीनों से चल रहा आरोप-प्रत्यारोप और बहस का दौर खत्म हो जाएगा। आखिरी दिन ओबामा की रणनीति पश्चिमी हिस्से के कुछ निर्णायक प्रांतों में आधार मजबूत करने की थी।
उधर, ओहायो और आयोवा जैसे कुछ प्रांतों में मामूली अंतर से पीछे बताए जा रहे रोमनी ने मतदाताओं को लुभाने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि कई मामलों खासकर अर्थव्यस्था पर रिकार्ड को देखते हुए ओबामा की व्हाइट हाउस में वापसी होगी।
‘पेव रिसर्च सेंटर’ ने अपने ताजा सर्वेक्षण में कहा है कि आखिरी दिनों में ओबामा को रोमनी के मुकाबले मामूली बढ़त मिली हुई है। ओबामा को 48 फीसदी और रोमनी को 45 फीसदी लोग समर्थन कर रहे हैं।
पिछले कुछ दिनों से धुआंधार चुनाव प्रचार कर रहे दोनों प्रत्याशियों को चुनाव के लिए अहम समझे जाने वाले कुछ राज्यों में कई बैठकों को संबोधित करना है। आज सुबह से शुरू हो चुकीं यह बैठकें देर रात तक खत्म होंगी।
ओबामा और उनकी पत्नी मिशेल आधी रात तक अपने गृह नगर शिकागो लौटने वाले हैं। इससे पहले वह विस्कोन्सिन और ओहायो में बैठकों को संबोधित करेंगे। ओबामा का प्रचार अभियान आयोवा के देस मोनेस में खत्म होगा।
मिशेल पहले नॉर्थ कैरोलिना और फ्लोरिडा में बैठकों को संबोधित करेंगी और बाद में अंतिम प्रचार अभियान के तहत वह लोवा के डेस मोनेस में राष्ट्रपति के साथ बैठक को संबोधित करेंगी।
ओबामा के प्रचार अभियान दल का कहना है ‘प्रथम महिला अमेरिकी लोगों को याद दिलाएंगी कि पिछले चार साल में देश ने कितनी प्रगति की है। वह समर्थकों को चुनाव के दिन तक प्रयास करते रहने के लिए प्रोत्साहित करेंगी।’ उप राष्ट्रपति जो बाइडेन वर्जीनिया में रैलियों को संबोधित करेंगे।
फ्लोरिडा में सुबह चुनावी रैली को संबोधित करने के बाद रोमनी वर्जीनिया और ओहायो जाएंगे। फिर आधी रात को न्यू हैम्पशायर में उनका अभियान समाप्त होगा।
रोमनी के साथ उनकी पत्नी एन रोमनी भी होंगी। उन्होंने अपने पुत्र जोश रोमनी को मिन्नेसोटा में बैठकों को संबोधित करने के लिए भेजा है।
कांग्रेस के पॉल रयान उप राष्ट्रपति पद के लिए रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार हैं। वह पांच राज्यों नेवादा, कोलोराडो, आयोवा, ओहायो और विस्कोन्सिन में बैठकें करेंगे।
कई महीनों से देश में चल रहा चुनाव प्रचार चरम पर पहुंच चुका है और घरेलू मुद्दे, खास कर देश की आर्थिक स्थिति से जुड़े मुद्दे परिदृश्य पर वर्चस्व बनाए हुए हैं।
पिछले दो चुनावों में जहां इराक युद्ध और अफगानिस्तान युद्ध का मुद्दा प्रचार अभियान पर छाया रहता था वहीं इस बार एजेंडा में विदेश नीतियों को ज्यादा जगह और महत्व नहीं मिला। चीन तथा उसकी कथित मुद्रा नीति को लेकर ओबामा और रोमनी ने एक दूसरे पर जम कर निशाना साधा।
चीन की कथित मुद्रा नीति से अमेरिका की अर्थव्यवस्था और ओबामा प्रशासन की ईरान, इजरायल तथा पश्चिम एशिया के संदर्भ में नीतियां प्रभावित हो रही हैं।
बहरहाल, दूसरी प्रेसीडेन्शियल डिबेट में विदेश नीति को अधिक महत्व मिला जिससे संकेत मिला कि दोनों प्रत्याशियों में कम से कम इस मुद्दे को लेकर ज्यादा मतभेद नहीं हैं।
लोकप्रियता संबंधी वोट के मामले में ओबामा और रोमनी लगभग बराबर चल रहे हैं। लेकिन चुनाव के लिए महत्वपूर्ण समझे जाने वाले राज्यों में ओबामा रोमनी से थोड़ा आगे चल रहे हैं। विश्लेषकों के अनुसार, छह नवंबर को होने जा रहे राष्ट्रपति चुनाव के परिणामों पर यह बढ़त असर डाल सकती है।
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव जिस व्यवस्था के तहत होते हैं उसके अनुसार, प्रत्येक राज्य में आबादी के आधार पर निर्वाचक मंडल (इलेक्टोरल कॉलेज) के मतों की कुछ तय संख्या होती है।
इस व्यवस्था के तहत कुल 538 निर्वाचक मंडल के मत उपलब्ध हैं और जीतने के लिए इनमें से 270 मत हासिल करना जरूरी है। (एजेंसी)
First Published: Monday, November 5, 2012, 17:03