Last Updated: Saturday, September 24, 2011, 13:04
न्यूयॉर्क : अलग फलस्तीनी राष्ट्र के रूप में संयुक्त राष्ट्र की सदस्यता के किसी भी प्रस्ताव पर वीटो करने की अमेरिकी धमकियों के बीच भारत के विदेश सचिव रंजन मथाई ने संवाददाताओं को साफ तौर पर बताया कि फलस्तीन के मुद्दे पर हमारा रूख सुस्थापित और जगजाहिर है. हमने 1988 में ही अलग देश के तौर पर फलस्तीन को मान्यता दे दी थी और इसमें कोई बदलाव नहीं आया है.
मथाई ने एक सवाल के जवाब में कहा कि अगर संयुक्त राष्ट्र महासभा में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के भाषण में इस मुद्दे पर कोई जिक्र होता है तो इसपर आश्चर्य नहीं होना चाहिए. मथाई की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने अलग फलस्तीन राष्ट्र की मान्यता के फलस्तीनी आवेदन को सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष को सौंप दिया है. अमेरिका ने धमकी दी है कि वह ऐसे किसी भी प्रस्ताव को वीटो करेगा.
फलस्तीन के लिए पूर्ण सदस्यता 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद के पास स्थायी सदस्यों की सहमति सहित नौ मतों पर निर्भर करती है. फलस्तीनी प्राधिकरण के राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने शुक्रवार को महासभा के 66वें सत्र में भाषण से पहले बान से मुलाकात की और विश्व संस्था में पूर्ण सदस्य के तौर पर फलस्तीन के आवेदन को सौंपा. प्रस्ताव में चार जून 1967 की सीमाओं को आधार बनाया गया है और येरूशलम को राजधानी बताया गया है.
अपने भाषण में अब्बास ने कहा, ‘मैं महासचिव से अपने प्रस्ताव को सुरक्षा परिषद भेजने का आग्रह करता हूं और सुरक्षा परिषद के विशिष्ट सदस्यों से पूर्ण सदस्यता के पक्ष में वोट करने की अपील करता हूं.’ फलस्तीनी राष्ट्रपति ने कहा, ‘मैं उन देशों से भी अपील करता हूं जिन्होंने अलग देश के रूप में अभी तक फलस्तीन को मान्यता नहीं दी है.’ फलस्तीनी राष्ट्रपति ने कहा कि इस्राइल सरकार ने शांति के अतीत के तमाम प्रयासों को नाकाम कर दिया और उन्हें संयुक्त राष्ट्र की पूर्ण सदस्यता की कोशिश के लिए बाध्य होना पड़ा. अब्बास ने कहा कि वह इस्राइलियों के साथ वार्ता के लिए तैयार हैं.
इस बीच एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार पश्चिम एशिया के लिए अमेरिका, रूस, यूरोपीय संघ और संयुक्त राष्ट्र के शांति दूत टोनी ब्लेयर ने संयुक्त राष्ट्र की सदस्यता के लिए फलस्तीन के दावेदारी को एक अच्छी कोशिश बताया, लेकिन साथ ही आगाह किया कि इस्राइल के साथ सीधी बातचीत के बिना ऐसा करने से ‘टकराव’ उत्पन्न हो सकता है.
(एजेंसी)
First Published: Saturday, September 24, 2011, 18:34