Last Updated: Sunday, December 16, 2012, 13:43
ज़ी न्यूज ब्यूरोन्यूटाउन : अमेरिका के कनेक्टिकट के एक स्कूल में शुक्रवार को हुई गोलीबारी की घटना से जहां पूरा देश सदमे में है, वहीं इस हृदय विदारक गोलीबारी में अपनी जान गंवाने से पहले स्कूल के एक बच्चे ने अपनी मां को लिखे पत्र में कहा, ‘आइ लव यू मॉम’।
न्यूज चैनल ‘सीएनएन’ की रिपोर्ट के मुताबिक बच्चे ने पत्र में लिखा, ‘आइ लव यू मॉम। मैं खुश और बेहतर हूं। मुझे दुख है कि मैं एक अच्छा पुत्र नहीं बन सका। मैं आपसे दूसरी दुनिया में प्रेम करूंगा।’
इस जघन्य घटना से न केवल अंतरराष्ट्रीय समुदाय स्तब्ध है बल्कि राष्ट्रपति बराक ओबामा के आंखों में भी आंसू आ गए।
ज्ञात हो कि कनेक्टिकट के सैंडी हुक एलिमेंट्री स्कूल में शुक्रवार को हुई गोलीबारी 20 बच्चों सहित 28 लोग मारे गए। एक सिरफिरा व्यक्ति स्कूल में दाखिल हुआ और उसने अपनी बंदूक से अंधाधुंध गोलीबारी की।
न्यूटाउन इलाके में हुई गोलीबारी की इस घटना में मारे गए बच्चों की उम्र पांच से 10 साल बताई जा रही है। मारे गए बड़ी उम्र के सात लोगों में स्कूल की प्राचार्या डॉन हॉकस्प्रंग और मनोवैज्ञानिक मैरी शेरलाच शामिल हैं।
जांच अधिकारियों ने हमलावर की पहचान 20 वर्षीय एडम लांजा के रूप में की है। हमले में लांजा भी मारा गया।
स्कूल कर्मियों ने दिखाई सूझबूझगोलीबारी की घटना के बीच स्कूल के स्टॉफ ने सूझबूछ का परिचय भी दिया। इस सूझबूझ ने कई लोगों की जान बचा ली।
सैंडी हुक एलिमेंट्री स्कूल की प्राचार्या डॉन हॉकस्प्रंग जब एक मीटिंग के बाद कमरे से निकलीं तो उन्होंने अपने सामने एक 20 वर्षीय हमलावर को हाथों में बंदूक उठाए पाया। हमलावर को देखते ही उन्होंने तुरंत अपने साथी शिक्षकों को बाहर न निकलने के लिए कहा।
स्थानीय पत्र `न्यूटाउन बी` के मुताबिक एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि हॉकस्प्रंग पीछे मुड़ीं और उन्होंने दरवाजे बंद करने की चेतावनी दी क्योंकि उनके ठीक सामने हमलावर था। इसके कुछ ही पलों बाद उन्हें गोली मार दी गई।
स्थानीय मीडिया के मुताबिक इसके बाद स्कूल के ही एक संरक्षक ने गोलियों की बरसात के बीच जाकर यह सुनिश्चित किया कि सभी कक्षाओं के दरवाजे अंदर से बंद हैं या नहीं।
`न्यूटाउन बी` के मुताबिक पुस्तकालय कर्मचारियों ने छात्रों को पुस्तकालय के अंदर ही सुरक्षित रखने की व्यवस्था की और दरवाजा अंदर से बंद कर लिया। यहां तक कि जब पुलिस ने दरवाजा खुलवाने की कोशिश की तब भी उन्होंने ऐसा नहीं किया। बाद में जब पुलिस ने बच्चों के सुरक्षित ढंग से बाहर निकलने का आश्वासन दिया तब उन्होंने दरवाजा खोला।
स्कूल के कैफेटेरिया के दो कर्मचारी गोलियों की आवाज सुनकर जमीन पर लेट गए और सरकते हुए एक छोटे से कमरे में पहुंच गए, जहां उन्होंने खुद को तब तक बंद रखा जब तक कि उनके लिए मदद नहीं पहुंच गई।
स्कूल की एक नर्स ने अपनी डेस्क के नीचे छुपकर अपनी जान बचाई। उसने उसके कमरे में प्रवेश करते बंदूकधारी के जूते देखे थे। बंदूकधारी कुछ पलों के लिए उसके कमरे में छुपा रहा। इसके बाद स्कूल की विभिन्न कक्षाओं से जुड़े मुख्य स्थल पर पहुंच गया और वहां और गोलीबारी की।
First Published: Saturday, December 15, 2012, 15:07