Last Updated: Friday, October 5, 2012, 13:15

लंदन : सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल के एस बराड़ पर लंदन में हुये हमले के सिलसिले में मेट्रोपोलिटन पुलिस ने 40 साल की एक महिला समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है। बराड़ ने ही 28 साल पहले अमृतसर के स्वर्ण मंदिर परिसर से खलिस्तानी उग्रवादियों को खदेड़ने के लिये ‘ऑपरेशन ब्लूस्टार’ का नेतृत्व किया था।
मेट्रोपोलिटन पुलिस के प्रवक्ता ने गुरुवार को बताया कि पुलिस अधिकारियों ने मध्य लंदन में 30 सितंबर को भारतीय नागरिक बराड़ की हत्या की कोशिश के मामले की जांच में हत्या की साजिश के शक में आज शाम शाम तीन पुरुषों और एक महिला को गिरफ्तार किया। उन्होंने बताया कि चारों संदिग्धों को मध्य लंदन के पुलिस थाने में ले जाया गया जहां अधिकारियों द्वारा उनसे पूछताछ की जाएगी।
प्रवक्ता ने जानकारी दी कि सबसे पहले रात साढ़े दस बजे (भारतीय समयानुसार) वोल्वर हैम्पटन से 33 साल के एक पुरुष और 40 वर्षीय एक महिला को गिरफ्तार किया गया। इसके आधे घंटे बाद पश्चिमी ब्रोमविच में एक कार को रोककर एक अन्य पुरुष को गिरफ्तार किया गया जिसकी उम्र 34 साल है। ऐसे ही हालात में पुलिस ने रात साढ़े 12 बजे :भारतीय समयानुसार: एक 25 वर्षीय युवक को गिरफ्तार किया।
प्रवक्ता का कहना था कि जांच जारी है और पुलिस इस घटना के संबंध में जानकारी जुटाने के लिए अपील कर रही है। बराड़ एक निजी दौरे पर लंदन में थे तभी रविवार की रात को चार पुरुषों ने ओल्ड क्यूबेक स्ट्रीट पर उन पर हमला कर दिया। वह उस समय अपनी पत्नी के साथ होटल लौट रहे थे।
पुलिस ने बताया था कि बराड़ पर एक चाकू या धारदार हथियार से हमला किया गया था, जिससे उनके गले में चोट आई थी। इस हमले में उनकी पत्नी को कोई चोट नहीं आयी थी। जिन चार लोगों ने उन पर हमला किया था वह दिखने में एशियाई मूल के बताए गए थे। इन सभी की लंबी दाड़ी थी और गहरे रंग के कपड़े पहने हुए थे। चार में से एक को अन्य तीनों से पतला और उम्र में छोटा बताया गया था। सभी हमलावर ऑक्सफोर्ड स्ट्रीट की ओर भाग निकले थे।
हमले के बाद बराड़ ने कहा था कि उन्होंने मुंबई में सैन्य अधिकारियों को अपने निजी दौरे की जानकारी दी थी हालांकि भारतीय उच्चयोग का कहना था कि उनके पास इस दौरे की जानकारी नहीं थी। प्राथमिक उपचार के बाद अपनी पत्नी के साथ मुंबई वापस आए बराड़ ने कहा था कि उन्हेंज विश्वास है कि यह खालिस्तानी समर्थकों द्वारा उनकी हत्या का प्रयास था। 1984 में हुए ‘ऑपरेशन ब्लूस्टार’ में उनकी भूमिका के चलते इस हमले को अंजाम दिया गया। उन्होंने कहा था कि उनके खिलाफ इंटरनेट पर बहुत सारे संदेश थे और धमकियां थीं। 28 साल पहले 1984 में सेना प्रमुख जनरल ए एस वैद्य ने ‘ऑपरेशन ब्लूस्टार’ की योजना बनाई थी। 1986 में जनरल वैद्य की पुणे में गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। (एजेंसी)
First Published: Friday, October 5, 2012, 09:25