Last Updated: Sunday, March 3, 2013, 00:22

ढाका : बांग्लादेश में वर्ष 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ मुक्ति संग्राम के दौरान ‘मानवता के खिलाफ अपराध’ के मामले में कट्टरपंथी संगठन जमात-ए-इस्लामी के एक शीर्ष नेता को मौत की सजा सुनाए जाने के बाद शुरू हुई हिंसा के तीसरे दिन शनिवार को कम से कम चार लोगों की मौत हो गई। इसके साथ ही मरने वालों की संख्या 50 पहुंच गई है।
जमात के उपाध्यक्ष 73 वर्षीय दिलावर हुसैन को युद्ध अपराध न्यायाधिकरण द्वारा मौत की सजा सुनाए जाने के बाद बृहस्पतिवार को हिंसा भड़क गयी थी।
चटगांव और नीलफामरी जिलों में जमात-ए-इस्लामी के प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच हिंसक झड़प में चार लोगों की मौत हो गयी। जमात समर्थकों ने कई जिलों में हिंसक प्रदर्शन पर उतारू हो गए और उन्होंने वाहनों एवं दुकानों को निशाना बनाया।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि जमात ए इस्लामी कार्यकर्ताओं और अर्धसैनिक बल ‘बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश’ के जवानों के बीच गोलियां चलने से ये मौतें हुईं। इसके अलावा कई पुलिसकर्मी घायल भी हुए।
चट्टगांव में पुलिस गोलीबारी में एक किशोर समेत तीन लोगों की मौत हो गयी जबकि जलढाका में पुलिस की गोलीबारी में 15 वर्षीय अतिकुल इस्लाम की मौत हो गयी।
प्राप्त खबरों के अनुसार बागेरहाट एवं राजशाही इलाके में जमात ए इस्लामी कार्यकर्ताओं ने कई वाहनों और दो हिंदू मंदिरों में आग लगा दी।
सूचना मंत्री हसनुल हक इनू ने बताया कि जमात उपद्रवियों ने पुलिस और महागठबंधन के कार्यकर्ताओं पर हमला किया और उन्होंने मस्जिदों एवं हिंदुओं के घरों एवं उनके मंदिरों में आग लगा दी। (एजेंसी)
First Published: Sunday, March 3, 2013, 00:22