बिचौलिए के जरिए फई को रकम पहुंचाई - Zee News हिंदी

बिचौलिए के जरिए फई को रकम पहुंचाई



वाशिंगटन : अमेरिका की जांच एजेंसियों की नजर में आने से पहले पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलीजेंस (आईएसआई) बिचौलियों अथवा कथित दानदाताओं के नेटवर्क के जरिए कश्मीरी अलगाववादी सैयद गुलाम नबी फई तक रकम पहुंचा रही थी ताकि वह भारत और कश्मीर को लेकर दुष्प्रचार को बढ़ावा दे सके।

 
अमेरिका में फई कश्मीर मामले पर भारत विरोधी दुष्प्रचार के लिए ‘कश्मीर अमेरिकन काउंसिल’ नामक एक संस्था संचालित करता था। इसी साल जुलाई में 62 साल के फई को गिरफ्तार किया गया और इसके बाद उसे नजरबंद रखा गया। उसने पिछले दिनों माना कि वह आईएसआई के लिए जासूसी और कश्मीर पर अमेरिकी नीति को प्रभावित करने के लिए लामबंदी कर रहा था। अदालत को सौंपे गए दस्तावेज के मुताबिक कुछ नाम के दानदाताओं के नेटवर्क के जरिए फई की संस्था केएसी तक चेक पहुंचे। इसके अलावा आईएसआई ने सीधे और कई बार एक बिचौलिया जहीर अहमद के नाम से भी फई तक पैसे पहुंचवाए।

 
उल्लेखनीय है कि जहीर अहमद बीते जुलाई महीने में एफबीआई की ओर से दायर किए गए हलफनामे में सह-आरोपी था। खबर है कि पाकिस्तान में उसकी मौत हो च़ुकी है। फई और अमेरिकी अटॉर्नी की ओर से हस्ताक्षरित 26 पृष्ठों की ‘स्टेटमेंट ऑफ फैक्ट्स’ में करीब एक दर्जन ऐसे ही दानदाताओं का उल्लेख है। जहीर अहमद के अलावा किसी अन्य दानदाता की पहचान नहीं बताई गई है। इसमें एक कथित दानदाता का जिक्र ‘साजिशकर्ता एए’ के रूप में किया गया है। इस कथित दानदाता ने केएसी को 595,193 डॉलर की रकम दी थी। एक अन्य कथित दानदाता ‘मेडिकल ग्रुप’ ने फई की संस्था को 168,000 डॉलर दिए।
कथित दानदाता अथवा ‘स्ट्रॉ डोनर’ उन लोगों को कहा जाता है कि दूसरों के पैसे का अपने नाम से राजनीतिक चंदा देने के लिए इस्तेमाल करते हैं।

 

फई और अमेरिकी अटॉर्नी की ओर से हस्ताक्षरित 26 पृष्ठों की ‘स्टेटमेंट ऑफ फैक्ट्स’ में करीब एक दर्जन ऐसे ही दानदाताओं का उल्लेख है। जहीर अहमद के अलावा किसी अन्य दानदाता की पहचान नहीं बताई गई है। इसमें एक कथित दानदाता का जिक्र ‘साजिशकर्ता एए’ के रूप में किया गया है। इस कथित दानदाता ने केएसी को 595,193 डॉलर की रकम दी थी। एक अन्य कथित दानदाता ‘मेडिकल ग्रुप’ ने फई की संस्था को 168,000 डॉलर दिए। कथित दानदाता अथवा ‘स्ट्रॉ डोनर’ उन लोगों को कहा जाता है कि दूसरों के पैसे का अपने नाम से राजनीतिक चंदा देने के लिए इस्तेमाल करते हैं। (एजेंसी)

First Published: Friday, December 9, 2011, 14:53

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