Last Updated: Wednesday, February 22, 2012, 15:12
इस्लामाबाद : पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ ने पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या में अपनी संलिप्तता से इनकार करते हुए कहा है कि हत्या किसने की यह राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी जानते हैं। गृह मंत्री रहमान मलिक द्वारा सिंध विधानसभा में हत्या के बारे में दिये गये बयान पर प्रतिक्रिया करते हुए उन्होंने यह टिप्पणी की।
मलिक ने कहा कि बेनजीर की हत्या के समय पर्याप्त सुरक्षा मुहैया नहीं कराए जाने में मुशर्रफ की कथित भूमिका पर सुनवाई के लिये उन्हें पाकिस्तान लाया जाएगा। मुशर्रफ ने टेलीविजन चैनलों को बताया कि राजनीतिक नेताओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी प्रांतीय सरकारों की होती है संघीय सरकार की नहीं। उन्होंने कहा कि बेनजीर की सुरक्षा से जुड़े मामले उनकी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी देख रही थी। मुशर्रफ ने कहा कि बेनजीर के पति जरदारी जानते हैं कि उनकी पत्नी की हत्या किसने की।
उन्होंने कहा कि उन्होंने स्वनिर्वासन के बाद सन् 2007 में पाकिस्तान लौटने से पहले ही बेनजीर को खतरे के बारे में सूचित कर दिया था। बेनजीर मुझे खतरा नहीं समझती थीं। बेनजीर की हत्या की जांच कर रहे खालिद कुरैशी ने कहा है कि दो बार प्रधानमंत्री रह चुकी बेनजीर जिस ‘वीवीआईपी सुरक्षा’ की हकदार थीं उन्हें वह सुलभ कराने में विफलता के लिये अभियोग पत्र में मुशर्रफ का नाम है। मुशर्रफ ने दावा किया कि इंटरपोल इस मामले में शामिल नहीं होगा । उन्होंने हत्या के बारे में सरकार की रिपोर्ट को बेबुनियाद बताया।
मुशर्रफ ने कहा कि वह दो बार दुबई में बेनजीर से मिले लेकिन उनके 18 अक्तूबर 2007 को पाकिस्तान पहुंचने के बाद उनसे बातचीत नहीं की । बेनजीर 27 दिसम्बर 2007 को रावलपिंडी में एक आत्मघाती हमले में मारी गईं।
उन्होंने कहा कि स्वेच्छा से पाकिस्तान लौटी पूर्व प्रधानमंत्री को सुरक्षा मुहैया करने का दायित्व राष्ट्रपति का नहीं था। उन्होंने कहा कि उन्होंने हमले से पहले ही बेनजीर को खतरे से आगाह कर दिया था। उनके पाकिस्तान लौटने की योजना के बारे में पूछे जाने पर मुशर्रफ ने कहा कि वह अपने खिलाफ दायर मामलों का अदालत में सामना करना चाहते हैं।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, February 22, 2012, 20:42