Last Updated: Tuesday, December 13, 2011, 14:03
इस्लामाबाद : पिछले महीने नाटो के हवाई हमले के बाद अपनी विदेश नीति को चुस्त-दुरुस्त बनाने के लिए पाकिस्तान द्वारा जबर्दस्त विचारमंथन करने के बाद विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने कहा कि उनका देश भविष्य में सभी हमलों का जवाब देगा, लेकिन यह भी साफ कर दिया कि इस्लामाबाद अमेरिका के साथ अपने संबंधों को ऐसे मोड़ पर नहीं ले जा रहा है जहां से वापसी नहीं की जा सके।
खार ने यह टिप्पणी राजदूतों के दो दिवसीय सत्र की अध्यक्षता करने के दौरान की। यह बैठक 26 नवंबर के नाटो हमले के बाद कल विदेश कार्यालय में विदेश नीति को चुस्त-दुरुस्त बनाने के लिए अनुशंसाएं तैयार करने के लिए बुलाई गई थी। वरिष्ठ असैनिक और सैन्य अधिकारियों ने देश के नई दिल्ली और बीजिंग समेत 15 देशों की राजधानी में पदस्थ राजदूतों से संवाद किया। इसमें नाटो के हवाई हमले के मद्देनजर अमेरिका के साथ पाकिस्तान के संबंधों पर चर्चा की गई।
‘न्यूज डेली’ ने बताया कि आईएसआई प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शुजा पाशा ने बैठक में कहा कि नाटो हमला जानबूझकर और भड़काने वाला था। बैठक में जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष जनरल खालिद शमीम विन्ने ने भी हिस्सा लिया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि बैठक में प्रस्तावित विदेश नीति में सुधार की अनुशंसाओं को अंतिम रूप दिया जाएगा। बहरहाल, किसी बड़े बदलाव की उम्मीद नहीं है। एक राजनयिक के हवाले से अखबार ने बताया कि हम अपनी विदेश नीति को थोड़ा चुस्त-दुरुस्त करेंगे क्योंकि क्षेत्र में नई चुनौतियों का सामना जारी है। खार ने साफ कर दिया है कि पाकिस्तान अमेरिका के साथ अपने संबंधों को ऐसे मोड़ पर नहीं ले जा रहा है जहां से वापसी नहीं की जा सके।
उन्होंने कहा कि हम अमेरिका और नाटो देशों के साथ अपने संबंधों को महत्व देते हैं। अपनी विदेश नीति के पुनर्मूल्यांकन से हमें उसमें स्पष्टता लाने में मदद मिलेगी। यह अमेरिका और अन्य के साथ हमारे संबंधों के मामले में दीर्घावधि हित में होगा।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, December 13, 2011, 19:33