Last Updated: Wednesday, March 6, 2013, 14:01
नई दिल्ली : भारत और कजाखस्तान ने आपसी असैन्य परमाणु सहयोग को 2014 से आगे भी जारी रखने का फैसला किया है। मौजूदा परमाणु अनुबंध के तहत रिएक्टरों के लिए ईंधन आपूर्ति समयसीमा 2014 है। यूरेनियम के धनी राष्ट्र ने भारत की उर्जा जरूरत को पूरा करने में मदद का आश्वासन दिया है।
दोनों पक्षों ने ओएनजीसी विदेश लि. (ओवीएल) की परियोजना पर भी विचार विमर्श किया। ओवीएल पहले ही कैस्पियन सागर में सतपायेव तेल ब्लाक में 25 फीसद हिस्सेदारी का अधिग्रहण कर चुकी है। भारत ने काशगन तेल क्षेत्र में हिस्सेदारी के लिए ओवीएल की निविदा पर कजाखस्तान का समर्थन मांगा है।
विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने कजाखस्तान के विदेश मंत्री इर्लान इद्रिसोव के साथ विभिन्न क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर व्यापक विचार विमर्श किया। दोनों देशों के नेताओं की आपसी हित के कई मुद्दों के अलावा रक्षा, असैन्य परमाणु उर्जा तथा हाइड्रोकार्बन जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों पर बातचीत हुई।
खुर्शीद ने इद्रिसोव के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘हमारे वैश्विक समस्याओं पर समान विचार हैं। हमारे बीच अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामूहिक प्रयास पर सहमति बनी है। इसके अलावा इस दिशा में हम द्विपक्षीय प्रयास भी करेंगे।’’
दोनों नेताओं ने असैन्य परमाणु सहयोग क्षेत्र के मुद्दे पर भी विचार विमर्श किया। कजाखस्तान की परमाणु उर्जा कंपनी काजएटमप्रॉम के चेयरमैन भी इस कजाखस्तान के प्रतिनिधिमंडल में शामिल हैं। भारत और कजाखस्तान के बीच जनवरी, 2009 से असैन्य परमाणु करार है। उस समय एनपीसीआईएल ने काजएटमप्राम के साथ सहमति ज्ञापन (एमओयू) पर दस्तखत किए थे। इसके तहत काजएटमप्राम को भारतीय रिएक्टरांे को यूरेनियम की आपूर्ति करनी है। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, March 6, 2013, 14:01