Last Updated: Wednesday, January 11, 2012, 08:33
इस्लामाबाद : पाकिस्तान की संसदीय समिति ने भारत को सर्वाधिक वरीयता प्राप्त (एमएफएन) राष्ट्र का दर्जा देने के सरकार के फैसले का अनुमोदन कर दिया है।
समझा जा रहा है कि इससे उप महाद्वीप में दोनों देशों के व्यापारिक संबंधों को और मजबूती मिलेगी। समाचार पत्र 'डेली टाइम्स' में बुधवार को प्रकाशित खबर के अनुसार, जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान की अध्यक्षता वाली कश्मीर समिति ने वाणिज्य मंत्रालय से इसकी जानकारी मिलने के बाद मंगलवार को इस संबंध में फैसला लिया।
बकौल रहमान, समिति इस बात से खुश है कि भारत को सर्वाधिक वरीयता प्राप्त राष्ट्र का दर्जा देने से कश्मीर को लेकर पाकिस्तान के रुख पर कोई प्रतिकूल असर नहीं पड़ेगा। वाणिज्य मंत्री अमीन फहीम ने बैठक में कहा कि भारत को सर्वाधिक वरीयता प्राप्त राष्ट्र का दर्जा देना समझौतों के तहत है, जो वर्ष 1965 के युद्ध के बाद रद्द कर दिया गया था।
उन्होंने कहा कि वर्ष 1948 से 1965 तक भारत व पाकिस्तान ने एक-दूसरे के साथ व्यापारिक संबंधों में बराबरी का व्यवहार किया। वर्ष 1965 में युद्ध से पहले किसी ने भी इस पर आपत्ति नहीं की।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, January 11, 2012, 14:03