Last Updated: Thursday, October 13, 2011, 11:21
इस्लामाबाद : आखिरकार पाकिस्तान ने सैद्धांतिक तौर पर भारत को सबसे तरजीही राष्ट्र का दर्जा देने का निर्णय कर ही लिया। विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने भारत-पाक के बीच द्विपक्षीय संबंधों में कई उपलब्धियों का हवाला देते हुए इस बात की जानकारी दी। पाकिस्तान की नेशनल असेंबली या संसद की निचली सभा में प्रश्नकाल के दौरान खार ने इस संबंध में बयान दिया। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि कब तक भारत को यह दर्जा दे दिया जाएगा। भारत ने 1996 में पाकिस्तान को एमएफएन का दर्जा दिया था।
एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ पिछले महीने भारत यात्रा पर आए पाकिस्तानी वाणिज्य मंत्री मखदूम अमीन फहीम ने मुंबई में कहा था कि उनके देश में इस बात पर जोर है कि भारत को सबसे तरजीही राष्ट्र का दर्जा दिया जाना चाहिए।
खार ने कहा कि भारत-पाकिस्तान के बीच वार्ता की प्रक्रिया दो साल के अंतराल के बाद बहाल कर दी गई है। उन्होंने कहा कि हम स्थायी तौर पर भारत के साथ केवल एक नहीं, बल्कि कई मुद्दों पर प्रगति चाहते हैं। इसमें सबसे उच्च प्राथमिकता भारत के साथ बिना गतिरोध वार्ता सुनिश्चित करना है ताकि कश्मीर मुद्दे का हल सुनिश्चित हो सके।
खार ने कहा कि भारत के साथ संबंधों के मामले में कई उपलब्धियां हासिल हुई हैं। हमने सड़क मार्ग से व्यापार हासिल किया है। इतिहास में पहली बार, भारतीय विदेश मंत्री न्यूयॉर्क में पाकिस्तान विदेश मंत्री द्वारा दिए गए भोज में शामिल हुए।
(एजेंसी)
First Published: Thursday, October 13, 2011, 18:01