Last Updated: Monday, January 7, 2013, 22:00

बीजिंग : चीन के मुख्य वार्ताकार दाई बिंगो और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन के बीच इस सप्ताह दिल्ली में होने वाली बातचीत में भारत-चीन सीमा विवाद सहित विभिन्न द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता होंग लेई ने आज यहां मीडिया से कहा कि नयी दिल्ली में 10 जनवरी से शुरू हो रहे ब्रिक्स देशों के शीर्ष रक्षा अधिकारियों की बैठक में शामिल होने के लिए दाई एक प्रतिनिधिमंडल के साथ भारत जाएंगे। ब्रिक्स देशों में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं।
होंग ने कहा कि दाई ब्रिक्स की बैठकों से इतर मेनन के साथ द्विपक्षीय संबंधों और अन्य परस्पर हितों के मामलों पर बातचीत करेंगे। मेनन के अलावा दाई अन्य ब्रिक्स देशों के अधिकारियों से भी मिलेंगे।
दाई की भारत यात्रा से एक महीने पहले ही मेनन और उनके बीच यहां सीमा विवाद मुद्दे पर अनौपचारिक वार्ता हुई थी। वार्ता के दौरान दोनों में सीमा समझौते संबंधी वार्ता के एक रूपरेखा तैयार करने को लेकर ‘आपसी सहमति’ बनी थी।
अभी भी वार्ता के दौरान बनी सहमति को सार्वजनिक नहीं किया गया है हालांकि यह माना जाता है कि उसमें सीमा विवाद क्षेत्र संबंधी कई मुद्दों को शामिल किया गया है।
नयी दिल्ली में होने वाली बैठक भी महत्वपूर्ण होगी क्योंकि बतौर विशेष प्रतिनिधि और स्टेट काउंसिलर दाई की यह अंतिम भारत यात्रा है । दाई मार्च में अवकाश ग्रहण कर रहे हैं । दाई चीन की ओर से सबसे लंबे समय तक काम करने वाले वार्ताकार हैं । उन्होंने मेनन से पहले ब्रजेश मिश्र, जे. एन. दीक्षित और एम. के. नारायणन के साथ भी बातचीत की है ।
अपनी सेवा निवृति से पहले दाई सीमा वार्ता में हुई प्रगति को दर्ज करना चाहते हैं ताकि उन्होंने बातचीत को जहां छोड़ा है उनके उत्तराधिकारी वहीं से उसे शुरू कर सकें। शुरूआती दौर में सीमा विवाद के लिए तीन चरण की वार्ता प्रक्रिया पर सहमति बनी थी। फिलहाल चल रही वार्ता प्रक्रिया के दूसरे चरण में है।
प्रक्रिया के पहले चरण में दिशानिर्देश देने वाले सिद्धांतों को तय करना था । इसी के कारण वर्ष 2005 में सीमा समझौता के संबंध में राजनीतिक मानदंडों और दिशानिर्देश देने वाले सिद्धांतों पर सहमति बनी थी ।
दूसरे चरण का लक्ष्य सीमा समझौते के लिए रूपरेखा बनाना था। मेनन ने पिछले महीने कहा था कि एक बार रूपरेखा तैयार होने के बाद दोनों देश वास्तविक समझौते पर काम करेंगे । इसमें पारदर्शी, विवेकसम्मत और दोनों को स्वीकार्य सीमा तय की जाएगी । (एजेंसी)
First Published: Monday, January 7, 2013, 22:00