Last Updated: Thursday, May 24, 2012, 12:38
इस्लामाबाद: भारत और पाकिस्तान के गृह सचिवों के बीच आज यहां दो दिवसीय महत्वपूर्ण वार्ता शुरू हो गई । वीजा नियमों को सरल बनाने और 2008 के मुम्बई हमलों के षड्यंत्रकारियों के खिलाफ मुकदमे जैसे मुद्दों के वार्ता के केंद्र में रहने की उम्मीद है ।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व गृह सचिव आरके सिंह कर रहे हैं, जबकि पाकिस्तानी दल का नेतृत्व पाकिस्तान के गृह सचिव ख्वाजा सिद्दीक अकबर कर रहे हैं। बातचीत इस्लामाबाद के एक होटल में शुरू हुई ।
गृह सचिवों के बीच पिछले चरण की वार्ता गत वर्ष मार्च में नई दिल्ली में हुई थी। वार्ता से पहले भारतीय अधिकारियों ने कहा कि दोनों पक्षों ने नए आसान वीजा नियमों को अंतिम रूप दे दिया है जिनमें पहली बार पर्यटक वीजा, वरिष्ठ नागरिकों और बच्चों को आगमन पर वीजा तथा व्यवसायियों के लिए एक साल तक का बहु प्रवेश वीजा शामिल हैं ।
दोनों गृह सचिव कल वार्ता के समापन पर एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करेंगे ।
हालांकि, पाकिस्तान में मीडिया में आई कुछ खबरों में दावा किया गया है कि वीजा समझौते पर दस्तखत होने की संभावना नहीं है क्योंकि पाकिस्तानी मंत्रिमंडल ने कल अपनी बैठक में इसे मंजूरी नहीं दी । खबरों में कहा गया कि गृहमंत्री रहमान मलिक ने समझौते को मंजूरी के लिए मंत्रिमंडल के समक्ष नहीं रखा । गृह मंत्रालय के एक अज्ञात अधिकारी के हवाले से नेशन अखबार ने कहा कि अधिकारियों ने गृह सचिवों की अगली बैठक तक नए वीजा समझौते पर हस्ताक्षर में विलम्ब करने का फैसला किया है।
दोनों देश एक साल से अधिक समय से नए वीजा समझौते के मसौदे पर काम कर रहे हैं । भारतीय प्रतिनिधिमंडल में राष्ट्रीय जांच एजेंसी के प्रमुख एस सी सिन्हा और 2008 के मुम्बई हमले की जांच कर रहे अन्य महत्वपूर्ण अधिकारियों को शामिल किया जाना भारत के इरादों का स्पष्ट संकेत है कि मुम्बई की व्यावसायिक राजधानी पर हमले के षड्यंत्रकारियों पर मुकदमे को आगे ले जाया जाए ।
मुम्बई हमलों में लश्कर ए तैयबा के कमांडर जकीउर रहमान लखवी सहित सात पाकिस्तानी नागरिकों पर हमलों की योजना बनाने, वित्तीय मदद करने और अंजाम देने का आरोप लगाया गया है ।
हालांकि, रावलपिंडी की आतंकवाद निरोधी अदालत में विभिन्न कारणों से उन पर चल रहा मुकदमा एक साल से अधिक समय से स्थगित पड़ा है । साक्ष्य जुटाने और भारतीय अधिकारियों के बयान दर्ज करने के उद्देश्य से मार्च में पाकिस्तानी न्यायिक दल के भारत दौरे के बावजूद हाल के हफ्तों में मुकदमे में कोई प्रगति नहीं हुई है ।
भारतीय पक्ष लश्कर ए तैयबा के संस्थापक हाफिज मोहम्मद सईद के खिलाफ कार्रवाई की अपनी मांग को भी दोहराएगा जिसके खिलाफ अमेरिका ने हाल में एक करोड़ अमेरिकी डॉलर के इनाम की घोषणा की थी । भारत आतंकवाद, मादक पदाथरें की तस्करी, भारत से भागकर पाकिस्तान में छिपे दाउद इब्राहीम और इंडियन मुजाहिदीन आतंकियों जैसे भगोड़ों, भारत में नकली मुद्रा चलाने वाले नेटवर्क और दोनों देशों की जेलों में बंद कैदियों की रिहाई जैसे अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा करेगा ।
आठ अप्रैल को पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की भारत यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पाकिस्तान से आतंकवाद पर लगाम लगाने के लिए ठोस कार्रवाई करने को कहा था, ताकि भारत द्विपक्षीय संबंधों की दिशा में आगे बढ़ सके ।
मनमोहन ने मुम्बई हमलों के साजिशकर्ताओं को न्याय के कठघरे में भी लाने को कहा था । पाकिस्तान की ओर से समझौता एक्सप्रेस ट्रेन विस्फोट के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कहे जाने की उम्मीद है जिसमें 42 पाकिस्तानियों सहित करीब 70 लोग मारे गए थे । (एजेंसी)
First Published: Thursday, May 24, 2012, 12:38