भारत-बांग्लादेश ने प्रत्यर्पण संधि पर किए हस्ताक्षर

भारत-बांग्लादेश ने प्रत्यर्पण संधि पर किए हस्ताक्षर

भारत-बांग्लादेश ने प्रत्यर्पण संधि पर किए हस्ताक्षरढाका : भारत और बांग्लादेश ने सोमवार को महत्वपूर्ण प्रत्यर्पण संधि पर हस्ताक्षर कर दिए, जिससे उल्फा के स्वयंभू महासचिव अनूप चेतिया एवं दूसरे वांछित ‘अपराधियों’ को भारत लाने का रास्ता साफ हो जाएगा। दोनों देशों ने नई वीजा प्रणाली से जुड़े समझौते पर भी हस्ताक्षर किए।

केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे और उनके बांग्लादेशी समकक्ष मोहिदुद्दीन खान आलमगीर ने द्विपक्षीय वार्ता के खत्म होने के बाद हस्ताक्षर किए।

शिंदे ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘इन संधियों से सुरक्षा एवं दोनों पक्षों के लोगों के बीच संपर्क के क्षेत्रों में रिश्ते मजबूत होंगे।’ अधिकारियों का कहना है कि यह संधि राजनीतिक अपराधों के आरोपियों पर लागू नहीं होगी, बल्कि इसके दायरे में हत्या एवं दूसरे संगीन अपराध आएंगे।

उन्होंने कहा कि छोटे किस्म के अपराधों के मामले में एक साल से कम की सजा पाए भगोड़े इस संधि के तहत वांछित नहीं होंगे।

बांग्लादेशी कैबिनेट की ओर से आज प्रत्यर्पण संधि को मंजूरी देने से एक सप्ताह पहले भारत ने बांग्लादेश के साथ समझौते पर हस्ताक्षर को स्वीकृति दी थी।

भारत और बांग्लादेश ने पिछले साल दिसंबर में प्रत्यर्पण संधि पर हस्ताक्षर के लिए सहमति जताई थी। उसी वक्त वीजा प्रणाली को सहज बनाने को लेकर भी सहमति बनी थी। इस संधि के तहत दी गई वांछितों की सूची में शामिल नामों के बारे में पूछे जाने पर शिंदे ने कहा कि प्रक्रिया संबंधी कारणों के मद्देनजर नामों को सार्वजनिक नहीं किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की हत्या के भगौड़े दोषियों को पता लगाने और उन्हें सौंपने के लिए भारत अपना अधिकतम सहयोग देगा। माना जाता है कि ये भगोड़े भारत में छिपे हुए हैं।

चेतिया के प्रत्यर्पण की संभावना के बारे में पूछे जाने पर आलमगीर ने कहा कि यह मामला बांग्लादेश के उच्चतम न्यायालय के समक्ष लंबित है। राजनीतिक शरण की मांग ठुकरा दिए जाने के बाद चेतिया ने सुप्रीम कोर्ट के दखल की मांग की है।

भारत चेतिया के प्रत्यर्पण को लेकर लंबे वक्त से दबाव बनाता आ रहा है। चेतिया को 1997 में गिरफ्तार किया गया था और उसके बाद से वह ढाका की एक जेल में बंद है।

बांग्लादेश के गृह मंत्री आलमगीर ने कहा कि राजनीतिक शरण मांगने वालों को संधि के दायरे से बाहर रखा गया है, हालांकि न्यायालय का दिशा-निर्देश आने के बाद उचित कदम उठाया जाएगा। संवाददाता सम्मेलन के दौरान बताया गया कि संशोधित यात्रा इंतजामों के अनुसार पर्यटन के लिए यात्रा को दो महीने तक सीमित रखने के प्रावधान को हटा दिया गया है।

भारतीय अधिकारियों ने कहा कि पाकिस्तान, चीन और अफगानिस्तान सहित कई देशों के लिए यह पाबंदी है।

दोनों देशों के बीच हुए वीजा संबंधी समझौते के बाद अब कारोबारियों, छात्रों, मरीजों, वरिष्ठ नागरिकों और 12 साल से कम उम्र के बच्चों के एक दूसरे के यहां आने जाने से पाबंदियां हट जाएंगी।

सीमा पर बीएसएफ जवानों की हत्या के बारे में पूछे जाने पर शिंदे ने कहा, ‘‘इस तरह की घटनाएं दुर्भाग्यपूर्ण हैं। ऐसा फिर नहीं होना चाहिए।’’ (एजेंसी)

First Published: Monday, January 28, 2013, 17:47

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