Last Updated: Tuesday, June 5, 2012, 13:30
वाशिंगटन : अमेरिका का मानना है कि भारत के पास विश्व शक्ति बनने के लिए पर्याप्त संस्थागत क्षमता है और वह दोनों देशों के बीच सामरिक आधार को बढ़ते देख रहा है। भारत-अमेरिका के बीच अगले हफ्ते होने वाली सामरिक वार्ता से पहले ओबामा प्रशासन के शीर्ष अधिकारी रॉबर्ट ब्लेक ने कहा कि पिछले 10 सालों में दोनों देशों द्वारा अपने संबंधों की दिशा में तेजी से बढ़ाए गए कदमों से पता चलता है कि दोनों के बीच रिश्तों को आगे ले जाने की ‘‘अपार संभावनाएं’’ हैं।
उन्होंने कहा, इसके (भारत) पास संस्थागत क्षमता है। इसीलिए हमने इस रिश्ते की खातिर अपना इतना समय और उर्जा खर्च की है। दक्षिण एवं मध्य एशियाई मामलों के सहायक विदेश मंत्री ब्लेक ने कहा, राष्ट्रपति ने कहा है कि यह 21वीं सदी की हमारी निर्णायक भागीदारी होने जा रही है और हमें इसका यकीन है। एशिया सोसायटी, ईस्ट वेस्ट सेंटर और इंडिया-यूएस वर्ल्ड अफेयर्स इंस्टीट्यूट द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित एक कार्यक्रम में भारत अमेरिका संबंधों पर अपनी टिप्पणियों के बाद ब्लेक इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या भारत के पास वैश्विक शक्ति बनने की संस्थागत क्षमता है।
ब्लेक ने कहा, हम इस पर इसलिए विश्वास करते हैं कि हमारे दोनों देशों के बीच सामरिक आधार बढ़ रहा है। दोनों देश दो महान लोकतंत्र तथा दो महान अर्थव्यवस्थाएं हैं और संभवत: हम सब नवप्रवर्तन की क्षमता रखते हैं। ब्लेक ने इससे पूर्व भारत अमेरिका के बीच जारी सामरिक संबंधों पर अपनी टिप्पणियों में कहा, पिछले दस सालों में भारत के सिवाय शायद ऐसा कोई दूसरा देश नहीं है जिसके साथ हम इतनी तेजी से और इतना आगे बढ़े हों।
उन्होंने उल्लेख किया कि भारतीय-अमेरिकी समुदाय ने इसमें निर्णायक भूमिका निभाई है। ब्लेक ने कहा कि भारतीय..अमेरिकी समुदाय अमेरिका में सर्वाधिक उर्जावान और सफल मंच समूहों में से एक है। उन्होंने कहा, आप सब (भारतीय-अमेरिकी) 21 वीं सदी के निर्णायक द्विपक्षीय संबंधों को आकार देने तथा दिशा निर्देशित करने के लिए कटिबद्ध हैं। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, June 5, 2012, 13:30