Last Updated: Thursday, June 28, 2012, 17:10
मास्को: भारत और रूस ध्वनि की गति से पांच से सात गुणा अधिक तेजी से उड़ान भरने वाली हाइपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण करने वाले दुनिया के प्रथम राष्ट्रों में एक हो सकते हैं।
रूसी भारतीय संयुक्त उपक्रम ब्रह्मोस एयरोस्पेस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सिवथानू पिल्लै ने कहा, ‘क्रूज मिसाइल का हाइपरसोनिक ब्रह्मोस संस्करण वर्ष 2017 में परीक्षण के लिए तैयार हो जाएगा।’ यह मिसाइल 5 से 7 मैक की रफ्तार से उड़ने में सक्षम होगी।
पिल्लै ने कहा, ‘मैं सोचता हूं कि हमें हाइपरसोनिक मिसाइल का प्रथम पूर्ण क्रियाशील प्रतिकृति विकसित करने में करीब पांच साल की जरूरत होगी। हम पहले ही 6.5 मैक की गति से कई प्रयोगशाला परीक्षण कर चुके हैं। ’
ऐसा जान पड़ता है कि भारत और रूस अमेरिका के करीब पहुंच गए हैं जिसने पिछले साल उस मिसाइल का सफल परीक्षण करने दावा किया था जो ध्वनि की गति से पांच गुणा अधिक तेजी से उड़ सकती है।
इस परीक्षण के बाद खबरों में कहा गया था कि उन्नत हाइपरसोनिक मिसाइल दुनिया में घंटे भर के अंदर कहीं भी बम बरसाने में समर्थ होगी।
पिल्लै ने कहा कि नयी मिसाइल तीन प्रकार- भूमि से उड़ान भरने वाली, वायु से उड़ान भरने वाली तथा समुद्र से उड़ान भरने वाली होगी। नयी मिसाइलें केवल भारत और रूस को आपूर्ति की जाएगी और किसी अन्य देश को नहीं दी जाएगी।
ब्रह्मोस एयरोस्पेश संयुक्त उपक्रम फिलहाल ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल बनाता है जो रूस द्वारा तैयार डिजायन एनपीओ मशीनोस्ट्रोयेनी 3एम55 (एसएस-एन-26) पर आधारित है।
ब्रह्मोस मिसाइल 290 किलोमीटर तक मार कर सकती है और 300 किलोग्राम तक आयुध ले जा सकती है। फिलहाल इसकी गति मैच 2.8 है। (एजेंसी)
First Published: Thursday, June 28, 2012, 17:10