Last Updated: Tuesday, January 17, 2012, 13:04
बीजिंग : चीन भारत और उसके बीच लंबे समय से चल रहे सीमा विवाद को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाने का इच्छुक है और चाहता है कि वर्ष 2012 दोनों देशों के लिए सहयोग और विकास का साल हो। भारत और चीन के विशेष प्रतिनिधियों शिवशंकर मेनन और दाए बिंगग्यो ने मंगलवार को नई दिल्ली में सीमा पर 15वें दौर की वार्ता के दूसरे दिन बातचीत की।
चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह दोस्ताना विचार विमर्श के माध्यम से शांतिपूर्ण तरीके से दोनों देशों को मंजूर, पारदर्शी और उचित हल निकालना चाहता है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लियू वेइमिन ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में बताया, चीन-भारत सीमा विवाद मुद्दे पर, वर्ष 2003 से अपनाए गए तरीके के अंतगर्त दोनों देशों के विशेष प्रतिनिधियों के बीच निष्पक्ष और सार्थक बातचीत हुई। उन्होंने वार्ता के बारे में अधिक जानकारी देने से मना करते हुए कहा कि बैठकें अभी भी चल रही हैं।
उन्होंने कहा कि दोनों देश सीमा विवाद को सुलझाने के लिए एक दिशा-निर्देश तैयार करने पर राजी हो गए हैं जोकि इस विवाद का हल निकालने के मामले में सबसे महत्वपूर्ण कदम है।
लियू ने कहा, इस मामले पर हमारा रूख साफ और स्थिर है। हमें यकीन है कि हम शांतिपूर्ण तरीके से दोनों के लिए मान्य, पारदर्शी और विवेकपूर्ण हल निकालने में सक्षम होंगे। उन्होंने कहा, हम मानते हैं कि चीन और भारत का शांतिपूर्ण विकास दोनों पक्षों और पूरी दुनिया के लिए अवसर है। दोनों पक्षों के संयुक्त उद्यम से वर्ष 2012 भारत और चीन के बीच बेहतर और अच्छे आदान-प्रदान तथा सहयोग का साल होगा।
वर्ष 2012 सहयोग और विकास का साल होगा। लियू ने कहा, हाल ही में दोनों पक्षों (भारत-चीन) ने चीन-भारत संबंधों पर विचार-विमर्श किया। हम यह मानते हैं कि चीन, भारत और विकासशील देशों का उभरना प्रभावशाली घटना रही है, या फिर कहें कि सबसे प्रभावशाली घटना रही है। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, January 17, 2012, 18:34