Last Updated: Friday, June 21, 2013, 15:37
वाशिंगटन : अमेरिका की पूर्व विदेश मंत्री मेडेलिन अलब्राइट का कहना है कि अमेरिका और भारत के बीच निकट संबंधों एवं सहयोग से पूरे विश्व को फायदा होता है तथा दोनों देशों को सामूहिक रूप से अवसरों का लाभ उठाने के साथ ही दक्षिण एशिया में साझेदार के तौर पर चुनौतियों का सामना करना चाहिए।
मेडेलिन ने गुरुवार को एक विशेष साक्षात्कार में कहा, ‘हम दो बड़े और गतिशील लोकतंत्र हैं। हम क्षेत्रीय एवं वैश्विक स्तर पर समान चिंताओं और हितों को साझा करते हैं। इसमें कोई संदेह नहीं है कि अमेरिका और भारत के बीच निकट संबंधों और सहयोग से दुनिया को लाभ होता है।’
उन्होंने अगले सप्ताह दिल्ली में भारत और अमेरिका के बीच होने वाली चौथी सामरिक वार्ता से पहले कहा, ‘हमारे लिए इस समय असैन्य परमाणु सहयोग समेत कई क्षेत्रों में आर्थिक एवं वाणिज्यिक संबंध विस्तृत और मज़बूत करना महत्वपूर्ण है। इसके साथ ही हमारी सुरक्षा साझीदारी को भी मज़बूत किया जाना बहुत अहम है।’
मेडेलिन ने कहा, ‘हमें साथ मिलकर अवसरों को भुनाने और चुनौतियों का सामना करने की जरूरत है। इस संदर्भ में अफगानिस्तान का भविष्य, चीन के साथ संबंध और पाकिस्तान से संबंध सुधारने के मुद्दे सूची में सबसे ऊपर हैं।’
उन्होंने कहा, ‘इसके अलावा समाज में महिला सशक्तिकरण, खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने और जलवायु पविर्तन तथा स्वच्छ ऊर्जा पर एक आम नज़रिया खोजना भी महत्वपूर्ण है।’
हाल में भारत की यात्रा करने वाली मेडेलिन ने कहा, ‘मैंने हाल में भारत का दौरा किया था और इस दौरान सरकार एवं व्यापार जगत के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की थी। मैं व्यक्तिगत रूप से दोनों देशों के बीच न केवल अच्छे संबंधों का विश्वास प्रकट कर सकती हूं, हालांकि मेरा यह भी मानना है कि दोनों देशों के बीच निकट आर्थिक संबंधों, विस्तृत सांस्कृतिक आदान प्रदान और मज़बूत राजनीतिक सहयोग के क्षेत्र में अब भी बहुत संभावनाएं है।’
पूर्व विदेश मंत्री ने कहा, ‘मैं जानती हूं कि विदेश मंत्री जॉन केरी भारत के दौरे, दोनों देशों के बीच संबंधों को मज़बूत करने में अपनी भूमिका निभाने और परस्पर हित वाले कई मामलों पर चर्चा का इंतजार कर रहे हैं।’
मेडेलिन ने कहा, ‘हालांकि विदेश मंत्री के रूप में वह पहली बार भारत का दौरा करेंगे लेकिन इस महान देश में वह पहली बार नहीं जा रहे। सीनेटर के रूप में भी उन्होंने भारत में अमेरिकी कांग्रेस के व्यापार प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया था और वह उन मुद्दों के बारे में काफी कुछ जानते हैं जिनपर दोनों देशों को मिलकर काम करने की जरूरत है।’
अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा और केरी को सांसदों और व्यापारिक संगठनों से मिलने वाले कई पत्रों के संबंध में पूछे जाने पर अमेरिकी राजनयिक ने कहा कि यह जरूरी है कि इस सामरिक वार्ता में कई पक्ष अपनी बात रखें। (एजेंसी)
First Published: Friday, June 21, 2013, 15:37