‘भूटान को चीन के साथ संपर्क कायम नहीं होने देगा भारत’

‘भूटान को चीन के साथ संपर्क कायम नहीं होने देगा भारत’

बीजिंग : भारत की ओर से भूटान को खाना पकाने की गैस तथा मिट्टी के तेल पर सब्सिडी को वापस लिए जाने तथा फिर से बहाल किए जाने के की पृष्ठभूमि में चीन की भौहें तनी हुई नजर आ रही हैं। यहां के एक सरकारी अखबार का कहना है कि भारत अपने इस पड़ोसी देश को चीन के साथ कभी संपर्क स्थापित नहीं करने देगा।

सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के मुखपत्र ‘ग्लोबल टाइम्स’ में एक सरकारी थिंकटैंक के विद्वान ने लिखा है, ‘भूटान के चुनाव से पहले सब्सिडी वापस लिया जाना यह दिखाता है कि भारत वहां भी ताकत की सियासत करने से पीछे नहीं हटता जहां इसकी जरूरत नहीं है।’

लियू झेंगयी ने कहा, ‘भारत कभी भी भूटान को चीन के साथ राजनयिक रूप से संपर्क स्थापित करने तथा सीमा मुद्दे को हल करने की इजाजत नहीं देगा।’ पिछले साल चीन और भूटान की ओर से राजनयिक संबंध स्थापित करने के प्रयासों का हवाला देते हुए इस लेख में कहा गया है, ‘इन सबके बावजूद भारत चीनी-भारतीय सीमा विवाद पर अपने रुख पर बना रहेगा और अपनी रणनीतिक स्थिति को मजबूत बनाए रखेगा।’

चीन के सरकारी अखबार के लेख में कहा गया, ‘भूटान के चुनाव पर भारत के प्रभाव को देखते हुए भूटान के शाही परिवार तथा इसके सियासी रसूखदारों की संप्रभुता को कायम रखने के लिए लोकतंत्र पर निर्भरता की इच्छा विफल हुई है।’
इस लेख में आरोप लगाया गया कि भूटान में भारत के राजदूत वीपी हरन ने दोहरी नीति का अनुसरण किया तथा विपक्षी पीस एंड डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की जीत में अहम भूमिका निभाई।

अखबार के लेख में भूटान की भारत पर निर्भरता के बारे में भी बात की गई। इसमें कहा गया है कि भारत भूटान की अर्थव्यवस्था की जीवनरेखाओं पर नियंत्रण करता है। (एजेंसी)

First Published: Monday, August 5, 2013, 16:09

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