मंटो को पाकिस्तान का सर्वोच्च नागरिक सम्मान

मंटो को पाकिस्तान का सर्वोच्च नागरिक सम्मान

इस्लामाबाद : लोकप्रिय लेखक सआदत हसन मंटो को सोमवार को पाकिस्तान के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘निशान-ए-इम्तियाज’ से नवाजा गया।

मंटो को यह सम्मान उनकी मौत के 57 वर्ष बाद दिया गया है।

अश्लीलता के आरोपों की विभिन्न मुकदमों का सामना करने के बाद मंटो की मृत्यु बहुत ही निर्धनता में हुई थी।

मंटो को उनकी लघु कथाओं के लिए सबसे ज्यादा जाना जाता है। विशेष तौर पर 1947 में भारत-पाक विभाजन की त्रासदी का चित्रण करने वाली कहानियों के लिए ।

वह मुंबई में पटकथा लेखक का करियर छोड़ कर वर्ष 1948 के आरंभ में अपने परिवार के साथ पाकिस्तान चले गए थे।

उनकी मौत बहुत ज्यादा शराब पीने के कारण 42 वर्ष की उम्र में वर्ष 1955 में हुई।

मंटो के साथ मरणोपरांत गायक मेंहदी हसन को भी ‘निशान-ए-इम्तियाज’ से नवाजा गया है।

हसन की इसी साल 84 वर्ष की उम्र में मौत हो गई । उन्हें ‘शहंशाह-ए-गजल’ के नाम से जाना जाता था।
राष्ट्रपति भवन ने इन पुरस्कारों की घोषणा पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर की है ।

उन्हें अगले वर्ष 23 मार्च को पाकिस्तान दिवस के अवसर पर यह सम्मान दिया जाएगा ।

सर्वोच्च सम्मान से जिन अन्य लोगों को नवाजा गया है वे हैं उनमें मानवाधिकार कार्यकर्ता अब्दुल सत्तार एधी, देश के परमाणु हथियारों की देखभाल करने वाली संस्था ‘स्ट्रैटेजिक प्लान्स डिवीजन’ के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत) खालिद किदवई और पाकिस्तान परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व प्रमुख दिवंगत मुनीर अहमद खान शामिल हैं। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, August 14, 2012, 09:02

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