Last Updated: Monday, January 16, 2012, 07:46
इस्लामाबाद : पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी कारोबारी मंसूर एजाज मेमो घोटाले की जांच कर रहे न्यायिक आयोग के समक्ष सोमवार को उपस्थित नहीं हुए और उन्होंने सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित पैनल के सामने गवाही की खातिर पाकिस्तान आने के लिए 25 जनवरी तक का समय मांगा है।
आज सुबह आयोग की तीसरी बैठक जैसे ही आरंभ हुई एजाज के वकील अकरम शेख ने कहा कि उनके मुवक्किल पैनल के समक्ष गवाही के लिए पेश होने की खातिर कुछ और समय चाहते हैं। शेख ने कहा कि एजाज को धमकी मिली है और वह अपने और परिवारवालों की सुरक्षा के प्रति आश्वस्त होना चाहते हैं।
तीन न्यायाधीशों के आयोग के समक्ष उपस्थित होने के लिए 25 जनवरी तक के समय की मांग करते हुए उन्होंने एक अर्जी दाखिल की। वकील ने बाद में कहा कि एजाज ने आज देश आने के लिए स्वीटजरलैंड के बर्न में पाकिस्तानी दूतावास में वीजा के लिए आवेदन दिया था। आयोग के सदस्यों ने शेख से एजाज के पाकिस्तान आने के बारे में एक बार फिर स्पष्टीकरण देने को कहा।
एक अन्य घटनाक्रम में अमेरिका में पाकिस्तान के पूर्व दूत हुसैन हक्कानी के वकील ने आज कहा कि एजाज पाकिस्तान नहीं आने वाले हैं और अपनी यात्रा के लिए अनावश्यक शर्ते थोप रहे हैं। दूत के वकील जाहिद बुखारी ने संवाददाताओं से कहा कि एजाज ने पाकिस्तान आने के लिए काफी तुच्छ शर्तें रखी है जबकि आयोग अधिकारियों को उनके आगमन पर उनकी सुरक्षा के लिए सेना के जवानों को तैनात करने का निर्देश पहले ही दे चुका है।
बुखारी ने कहा कि हम चाहते हैं कि उन्हें सभी प्रकार की सुरक्षा मुहैया कराई जाए ताकि वह आयोग के समक्ष गवाही देने के लिए यहां आ सकें। हम उनका स्वागत करेंगे लेकिन उनका स्वागत कुछ आशंकाओं के साथ होगा। पिछले कुछ दिनों से एजाज के पाकिस्तान आने को लेकर बहुत भ्रम की स्थिति बनी हुई है। जीयो न्यूज चैनल ने हाल में सूत्रों के हवाले से बताया था कि एजाज ने कहा है कि उन्हें धमकी मिल रही है इसलिए वह पाकिस्तान नहीं आएंगे। हक्कानी के वकील ने कल कहा था कि यदि एजाज पाकिस्तान आते हैं तो मेमो मामले की जांच पूरी होने तक आयोग से एजाज को देश में ही रहने के लिए हक्कानी आग्रह करेंगे।
(एजेंसी)
First Published: Monday, January 16, 2012, 13:17