Last Updated: Tuesday, October 16, 2012, 22:36

इस्लामाबाद : गृहमंत्री रहमान मलिक ने मंगलवार को कहा कि उग्रवादियों के खिलाफ आवाज उठाने पर तालिबान के हमले की शिकार बनी 14 वर्षीय कार्यकर्ता मलाला यूसुफजाई को पाकिस्तान के सर्वोच्च नागरिक बहादुरी सम्मान ‘सितारा-ए-शुजाअत’ से सम्मानित किया जाएगा।
उन्होंने पिछले सप्ताह मलाला पर हुए हमले की जिम्मेदारी लेने वाले पाकिस्तानी तालिबान के प्रवक्ता एहसानुल्ला एहसान पर 10 करोड़ रुपए (पाकिस्तानी) का इनाम भी रखा है।
स्वात घाटी के मुख्य शहर मिंगोरा में मलाला के पिता द्वारा चलाए जाने वाले स्कूल खुशाल पब्लिक स्कूल का दौरा करने के बाद मलिक ने यह घोषणाएं कीं।
मलिक ने मलाला पर हुए हमले में घायल हुईं शाजिया रमजान और कायनात अहमद से भी भेंट की और उन्हें नगद पुरस्कार दिए।
गृहमंत्री ने स्कूल में कहा कि मलाला बहादुरी का प्रतीक हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से उनका अनुकरण करने को कहा।
उन्होंने पहले मीडिया से कहा था कि सुरक्षा और खुफिया एजेंसियां हमले में शामिल सभी लोगों को खोज रही है और कुछ गिरफ्तारियां भी हुई हैं।
उन्होंने कहा कि हमले की योजना अफगानिस्तान आधारित पाकिस्तानी तालिबान उग्रवादियों में बनाई थी।
मलिक ने कहा कि हमला करने के लिए अफगानिस्तान से चार लोग आए थे और उनमें से एक की पहचान हो गई है। आतंकवादियों के कुछ सहयोगियों और एक हमलावर की मंगेतर को हिरासत में लिया गया है। सरकार मलाला और हमले में घायल हुई दो अन्य लड़कियों के परिवार को सुरक्षा मुहैया करा रही है।
उन्होंने यह भी कहा कि खुफिया विभाग की नवीन सूचना के अनुसार स्वात में तालिबान के पूर्व कमांडर फजलुल्ला को प्रतिबंधित संगठन तहरीक-ए-तालिबान का प्रमुख नेता बनाया गया है।
पाकिस्तान की सेना द्वारा वर्ष 2009 के आरंभ में उग्रवादियों के खिलाफ चलाए गए अभियान के दौरान फजलुल्ला स्वात से भागकर अफगानिस्तान से कुनार प्रांत चला गया था।
मलाला की हत्या करने के लिए उनके सिर में गोली मारी गई थी। रावलपिंडी के सैन्य अस्पताल में इलाज के बाद उन्हें सोमवार को ब्रिटेन ले जाया गया जहां उनका इलाज क्वीन एलिजाबेथ अस्पताल में हो रहा है। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, October 16, 2012, 20:38