Last Updated: Saturday, October 13, 2012, 12:25

वाशिंगटन : अमेरिका ने कहा है कि पाकिस्तान में महिला अधिकारों के लिए लड़ने वाली किशोरी मलाला यूसुफजई पर हुए हमले के बाद उमड़ी तालिबान विरोधी लहर एक उम्मीद की किरण है। अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता विक्टोरिया नुलैंड कल यहां संवाददाताओं से कहा, बीते समय में हमने पाकिस्तान में देखा है कि तालिबान जब भी इस तरह के घृणित अपराधों को अंजाम देता है तो उनके खिलाफ न सिर्फ शहरों में, बल्कि उन कस्बों और इलाकों में भी उसके खिलाफ भावनाएं भड़कती हैं जहां वह छिपता है और साजिश रचता है। नुलैंड ने अपने नियमित संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल के जवाब में कहा कि स्पष्ट है कि तालिबान के खिलाफ पाकिस्तान के लोगों का अपनी सरकार का साथ देना उम्मीद की एक किरण है।
इस बीच, ब्रिटिश प्रधानमंत्री गार्डन ब्राउन ने हफिंगटन पोस्ट में लिखा है कि पूरा विश्व अस्पताल में जिन्दगी और मौत के बीच संघर्ष कर रही मलाला को अपनाए। उन्होंने लिखा है कि लड़कियों की शिक्षा पर रोक लगाने वाले तालिबान से लड़ाई के लिए मलाला के साहस की प्रशंसा होनी चाहिए और हममें से हर किसी को उसे अपनी बेटी समझना चाहिए।
ब्राउन ने लिखा, पूरे विश्व से मलाला को मिले समर्थन का संदेश देते हुए मैंने पाकिस्तान के राष्ट्रपति जरदारी से यह संकल्प लेने को कहा है कि मलाला की पीड़ा व्यर्थ नहीं जाएगी। उन्होंने कहा, कुछ दिन पहले मुझे उनसे वायदा मिला कि उनकी सरकार अब लड़कियों की शिक्षा के लिए शिक्षक, संसाधन और वित्तीय मदद मुहैया कराने के लिए हर कदम उठाएगी। ब्राउन ने कहा, हम इस बात पर सहमत हुए कि वैश्विक शिक्षा मामलों के संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत एक प्रतिनिधिमंडल पाकिस्तान भेजेंगे, ताकि 2015 के अंत तक प्रत्येक बच्चे को शिक्षा मुहैया कराने के सहस्राब्दि विकास लक्ष्य को हासिल करने के व्यावहारिक प्रस्तावों पर सहमति हो सके। (एजेंसी)
First Published: Saturday, October 13, 2012, 12:13