माओवादी धड़े ने ज्ञानेंद्र से गठबंधन की इच्छा जताई

माओवादी धड़े ने ज्ञानेंद्र से गठबंधन की इच्छा जताई

माओवादी धड़े ने ज्ञानेंद्र से गठबंधन की इच्छा जताई   काठमांडू: देश की राष्ट्रीयता को संरक्षित करने के लिए पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र शाह के साथ गठबंधन बनाने के माओवादियों से अलग हुए धड़े के इरादे ने वहां के राजनीतिक हलकों में नई सनसनी पैदा कर दी है। माओवादियों के अलग हुए धड़े सीपीएन-माओवादी के नेता मोहन विद्या ने मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उनकी पार्टी सभी राष्ट्रवादी ताकतों के साथ काम करेंगी, इनमें पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र भी शामिल हैं, जो वास्तव में राष्ट्रवादी हैं।

राजतंत्र को हटाने के लिए विद्या सहित माओवादियों ने 10 साल तक गृहयुद्ध लड़ा, जिसमें 13,000 लोगों की मौत हुई। इसके परिणामस्वरूप 2008 में नेपाल लोकतंत्र बन गया।

विद्या के नेतृत्व वाले माओवादी धड़े ने आगामी नवंबर के चुनाव का भी विरोध किया है और खिलराज रेग्मी के नेतृत्व वाली सरकार के इस्तीफे की मांग की है। उन्होंने सर्वदलीय गोलमेज सम्मेलन की मांग की।

बहरहाल, इस माओवादी धड़े का नेपाल में बहुत अधिक असर नहीं है। इसके बावजूद विश्लेषकों का मानना है कि यह धड़ा चुनाव के समीकरणों को प्रभावित कर सकता है। एक साल पहले माओवादी पार्टी से अलग हुए इस धड़े के साथ कई कट्टर माओवादी जुड़े हुए हैं।

इसके बाद माओवादी पार्टी के नेता और पूर्व प्रधानमंत्री बाबूराम भट्टराई ने एक संवाददाता सम्मेलन बुलाकर मंगलवार को इस बयान पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि ऐसे कदम देश को जोखिम की ओर ले जाएंगे। (एजेंसी )

First Published: Wednesday, July 24, 2013, 15:43

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