'मानवाधिकार पर कोई हमें न दे नसीहत' - Zee News हिंदी

'मानवाधिकार पर कोई हमें न दे नसीहत'

 

कोलंबो : संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में श्रीलंका पर अमेरिका समर्थित प्रस्ताव पारित होने के कुछ दिनों बाद श्रीलंका के राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने कहा है कि मानवाधिकार पर उन्हें दूसरों से सीख लेने की जरूरत नहीं है।

 

बालांगोडा शहर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए राजपक्षे ने कहा कि श्रीलंका का मानवाधिकार का संरक्षण पिछले 2,500 से ज्यादा वर्षों से बौद्ध धर्म से प्रभावित है।

 

राष्ट्रपति ने कहा कि अपने लोगों की शिकायतों का समाधान उनकी जिम्मेदारी है। लेसन लर्न्‍स एंड रिकनसिलिएशन कमिशन (एलएलआरसी) का गठन इसलिए किया गया क्योंकि वह नहीं चाहते थे कि परेशानियों का सामना कर रहे लोगों की अगली पीढी भी इसका सामना करे।

 

उन्होंने कहा कि श्रीलंका ने अपनी पहल पर एलएलआरसी शुरू किया था ओर इसे लागू करने को लेकर कहने का अधिकार दूसरों को नहीं है। मानवाधिकारों की रक्षा के लिए दूसरों से नसीहत लेने की जरुरत नहीं है। (एजेंसी)

First Published: Sunday, April 1, 2012, 21:44

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