मालदीव में बनेगी राष्ट्रीय एकता सरकार - Zee News हिंदी

मालदीव में बनेगी राष्ट्रीय एकता सरकार


माले : मालदीव के नए राष्ट्रपति ने बुधवार को देश में राष्ट्रीय एकता सरकार के गठन का आह्वान किया। उधर सेना और पुलिस उनके पूर्ववर्ती अपदस्थ राष्ट्रपति को किसी अज्ञात स्थान पर ले गयी है।

 

पूर्व उप राष्ट्रपति मोहम्मद वाहिद हसन को मंगलवार को मोहम्मद नाशीद के इस्तीफे के बाद राष्ट्रपति पद की शपथ दिलायी गयी थी। सरकार के खिलाफ प्रदर्शनकारियों के साथ मिलकर पुलिस द्वारा भी बगावत पर उतर आने के कारण नाशीद ने मंगलवार को त्यागपत्र दे दिया।

 

आज एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए हसन ने इन दावों से इनकार किया कि नाशीद के सत्ता छोड़ने के पीछे उनका हाथ है। उन्होंने कहा कि वह देश की कमान संभालने के लिए तैयार नहीं थे और उन्होंने साथ ही एकता सरकार के गठन का आह्वान किया।

 

उन्होंने कहा, मुझे विश्वास है कि एक साथ मिलकर हम एक स्थिर तथा लोकतांत्रिक देश के निर्माण में समक्ष होंगे।  उन्होंने साथ ही कहा कि उनकी सरकार कानून के शासन का सम्मान करती है।

 

किसी दंडात्मक कार्रवाई से नाशीद की रक्षा का वादा करने वाले हसन ने कहा कि उनके पूर्ववर्ती पर किसी भी प्रकार की रोक नहीं है और वह देश छोड़ने के लिए आजाद हैं। हालांकि वह नाशीद के खिलाफ किसी भी प्रकार की पुलिस या अदालत कार्रवाई में हस्तक्षेप नहीं करेंगे।

 

पुलिस प्रवक्ता अहमद श्याम ने कहा कि पुलिस नाशीद के कल सत्ता छोड़ने की तैयारी के वक्त राष्ट्रपति आवास से कचरा हटा रहे ट्रक से कम से कम सौ बोतलें शराब की मिलने के मामले की जांच कर रहा है। इस मुस्लिम राष्ट्र में पर्यटक रिसोर्ट्स के बाहर मदिरा सेवन अपराध है और यदि इस मामले में आरोप तय किए जाते हैं तथा शराब रखने का यदि नाशीद को दोषी ठहराया जाता है तो उन्हें तीन साल के लिए जेल की सजा हो सकती है । उन्हें इस अपराध में किसी दूरस्थ द्वीप पर भेजा जा सकता है या घर में नजरबंद किया जा सकता है या जुर्माना लगाया जा सकता है।

 

प्रशासन ने कहा है कि नाशीद किसी अज्ञात स्थान पर पुलिस और सेना की निगरानी में हैं लेकिन उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति को घर में नजरबंद किए जाने से इनकार किया।

 

उधर , एमनेस्टी इंटरनेशनल के एशिया प्रशांत मामलों के निदेशक सैम जरीफी ने नयी सरकार से नाशीद के खिलाफ किसी भी प्रकार की बदले की कार्रवाई से बचने का आह्वान किया है और साथ ही उनके पते ठिकाने का तत्काल खुलासा किए जाने की मांग की है। लोकतांत्रिक तरीके से चुने गए देश के पहले राष्ट्रपति नाशीद ने राष्ट्र के नाम संबोधन में अपना त्यागपत्र दिया था। उन्होंने एक शीर्ष जज की गिरफ्तारी के उनके फैसले के खिलाफ प्रदर्शन कर रही जनता के साथ पुलिस के जा मिलने और फिर सड़कों पर सेना के साथ झड़प होने के बाद इस्तीफा देने का फैसला किया था। कल के संघर्ष में कुछ सैनिक भी बाद में पुलिस के साथ चले गए थे।

 

 

इस बीच, हसन के कार्यालय ने इस बात से इनकार किया है कि नाशीद ने सेना के दबाव के चलते पद से इस्तीफा दिया । पूर्व राष्ट्रपति के एक सलाहकार ने भी कहा कि उन्होंने हिंसा फैलने से रोकने के लिए पद छोड़ा है। हसन ने इसके साथ ही इन आशंकाओं को भी दरकिनार करने का प्रयास किया कि इस्लामी ताकतें देश में सिर उठा रही हैं।

 

 

उन्होंने कहा, वे समाज का हिस्सा हैं, आप उन्हें नजरअंदाज नहीं कर सकते। लेकिन समाज में राजनीति के बारे में विभिन्न विचारों, दर्शन और मान्यताओं में यकीन रखने वाले भिन्न किस्म के लोग हैं। मैं एक बहुदलीय और बहुलवादी सरकार की योजना बना रहा हूं। हसन ने साथ ही यह आश्वासन भी दिया कि देश का पर्यटन उद्योग पूरी तरह शांतिपूर्ण है। यह देश अपने खूबसूरत बीचों और शानदार रिसोर्ट के लिए विश्वविख्यात है।

 

 

नाशीद का इस्तीफा पूर्व मानवाधिकार कार्यकर्ता के हैरतभरे पतन को रेखांकित करता है जिन्होंने देश के तानाशाह मौमून अब्दुल कयूम को देश के पहले बहुदलीय चुनाव में शिकस्त दी थी। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, February 8, 2012, 17:43

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