मिल गया मोनालिसा का कंकाल!

मिल गया मोनालिसा का कंकाल!

मिल गया मोनालिसा का कंकाल!लंदन: मोनालिसा की मुस्कान का रहस्य खोजने के लिए प्रयासरत वैज्ञानिकों ने एक कंकाल खोजा है और कहा जा रहा है कि यह कंकाल लियोनार्दो दा विन्सी के मास्टरपीस के लिए पोज देने वाली मॉडल लीजा घेरार्दिनी का है। दा विन्सी ने अपनी इस पेन्टिंग का शीषर्क ‘द मोनालिसा’ रखा था।

डेली मेल की खबर में कहा गया है कि इटली में पुरातत्वविदों ने फ्लोरेन्स में एक कॉन्वेन्ट के फर्श में दबा एक कंकाल खोजा है। उनका मानना है कि यह कंकाल लीजा घेरार्दिनी का है।लीजा घेरार्दिनी एक अमीर सिल्क व्यापारी फ्रान्सिस्को देल जियोकोन्दो की पत्नी थी।

ज्यादातर इतिहासकार इस बात पर सहमत हैं कि ‘द मोनालिसा’ में चित्रित महिला लीजा देल घेरार्दिनी थी जो अपने पति की मौत के बाद नन बन गई थी। उसका निधन 15 जुलाई 1542 को 63 साल की उम्र में कॉन्वेन्ट ऑफ सेंट उसरुला में हुआ।

पुरातत्वविदों के एक दल ने निर्जन पड़े कॉन्वेन्ट की खुदाई पिछले साल शुरू की। उन्हें एक ताबूत मिला। समझा जाता है कि यह ताबूत चिरनिद्रा में लीन मोनालिसा की अंतिम शैया थी। इसे खोलने पर इसमें एक महिला का कंकाल मिला। यह कंकाल कॉन्वेंट की मूल मंजिल से पांच फुट नीचे मिला। इसमें एक खोपड़ी, पसलियां और रीढ़ की हड्डियां हैं। खुदाई बीच में रूकने के बाद पिछले माह फिर शुरू हुई और इस सप्ताह मानव कंकाल मिला।

हड्डियों की जांच कर पता लगाया जाएगा कि क्या वह पिछले साल मिली खोपड़ी से मिलती हैं। हड्डियों के डीएनए की तुलना मॉडल के दो बच्चों के अवशेषों से की जाएगी। अगर यह पता चल जाता है कि कंकाल और खोपड़ी मॉडल की हैं तो फॉरेन्सिक विशेषज्ञ उसका चेहरा तैयार कर यह पता लगाएंगे कि क्या वह 500 साल पहले दा विन्सी द्वारा तैयार चित्र से मिलता है? यह सब मोनालिसा की मुस्कान का रहस्य खोजने के लिए किया जाएगा।

पुरातत्वविद सिल्वानो विन्सेटी को अखबार में यह कहते हुए उद्धृत किया गया है ‘हम नहीं जानते कि क्या हड्डियां एक ही कंकाल की हैं या एक से अधिक कंकालों की हैं। लेकिन इससे हमारी इस धारणा की पुष्टि होती है कि सेंट उसरुला कॉन्वेन्ट में अब भी मानव हड्डियां हैं और हो सकता है कि उनमें लीजा घेरार्दिनी की भी हड्डियां हों।’ दा विन्सी ने यह चर्चित तैलचित्र 1503 या 1504 में बनाना शुरू किया था और 1519 में इसे पूरा किया। फिर वह फ्रांस चले गए और उनकी मौत हो गई। इटली में ला जियोकोन्डा कहलाने वाली इस पेंटिंग को दुनिया की सर्वाधिक चर्चित पेंटिंग माना जाता है। इसका स्वामित्व फ्रांसीसी सरकार के पास है। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, July 18, 2012, 18:23

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