‘मिसाइल और टैंकों से नहीं मिल सकती स्थिरता’

‘मिसाइल और टैंकों से नहीं मिल सकती स्थिरता’

‘मिसाइल और टैंकों से नहीं मिल सकती स्थिरता’ इस्लामाबाद : पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश इफ्तिखार चौधरी ने कहा है कि टैंक और मिसाइल कभी भी स्थिरता एवं सुरक्षा की गारंटी नहीं हो सकते और न्यायाधीशों को सुनिश्चित करना चाहिए कि देश के सभी संस्थान कानून की महत्ता को बरकरार रखें।

चौधरी ने कहा कि वे दिन चले गए जब देश की स्थिरता एवं सुरक्षा को मिसाइलों और टैंकों की संख्या के हिसाब से परिभाषित किया जाता था।

पाकिस्तान के राष्ट्रीय आपदा कॉलेज के प्रतिनिधिमंडल को संबोधित करते हुए चौधरी ने सोमवार को कहा, ‘पाकिस्तानी संविधान के संरक्षक एवं रक्षक के रूप में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों पर कानून के सिद्धांतों की प्रधानता और सभी संस्थानों तथा अधिकारियों पर इसकी महत्ता बनाए रखने की भारी जिम्मेदारी है।’

इस तरह के कयास थे कि प्रधान न्यायाधीश की टिप्पणी सेना प्रमुख जनरल अशफाक परवेज कयानी की टिप्पणी का जवाब है।

कयानी ने कहा था कि राष्ट्रीय हितों का निर्धारण करना किसी एक संस्थान का एकाधिकार नहीं है।

हालांकि, अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि प्रधान न्यायाधीश ने सेना द्वारा कयानी की टिप्पणियों से संबंधित बयान जारी किए जाने से एक घंटे पहले अपना भाषण दिया था।

कयानी ने यह स्पष्ट नहीं किया कि उन्होंने किस परिप्रेक्ष्य में टिप्पणी की थी,लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि जनरल ने अपनी टिप्पणी 1990 के आम चुनाव में राजनीतिज्ञों को धन बांटे जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा पूर्व सेना प्रमुख जनरल मिर्जा असलम बेग तथा आईएसआई के पूर्व प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल असद दुर्रानी के खिलाफ आदेश जारी किए जाने के जवाब में की। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, November 6, 2012, 16:28

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