मिस्र में नए संविधान पर अंतिम चरण का हुआ मतदान

मिस्र में नए संविधान पर अंतिम चरण का हुआ मतदान

काहिरा : धर्मनिरपेक्ष रूझान वाले विपक्ष के तीव्र विरोध के बीच मिस्र में आज लोगों ने राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी समर्थित विवादास्पद नये संविधान पर जनमत संग्रह के दूसरे एवं अंतिम चरण चरण में आज मतदान किया। इस संविधान के मुद्दे पर देश बंट गया है।

अलजजीरा की रिपोर्ट के अनुसार पिछले सप्ताह जनमत संग्रह के पहले चरण के बाद आज दूसरे चरण का मतदान हुआ, विश्लेषकों को आस है कि इससे नये संविधान पर एक और ‘हां’ मिलेगा। देश के 27 प्रांतों में से 17 में आज मतदान हुआ जहां ढ़ाई करोड़ मतदाता हैं।

कल ही अलेक्जेंडेरिया में मुर्सी समर्थकों एवं विरोधियों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इस हिंसा में कई दर्जन लोग घायल हो गए थे। यह राष्ट्रपति के असीम शक्तियां अर्जित कर लेने और प्रस्तावित संविधान को लेकर चार सप्ताह से भी अधिक समय से जारी उथलपुथल में नवीनतम घटना है।

प्रस्तावित संविधान से मिस्र बंट गया है। जहां मुर्सी समर्थक नये दस्तावेज का समर्थन कर रहे हैं वहीं मुख्यत: उदारवादी उसे पक्षपातपूर्ण करार देकर उसकी निंदा कर रहे है।

अनधिकारिक नतीजे के अनुसार 15 दिसंबर को पहले चरण के मतदान में 32 फीसदी मतदान हुआ और मत डालने वालों में से 56 फीसदी ने नये संविधान के पक्ष में वोट डाला। जनमत संग्रह में नये प्रस्तावित संविधान की जीत से मुर्सी एवं उनके इस्लामवादी समर्थकों का मजबूत होगा। विपक्ष ने कहा है कि पहले चरण के मतदान में गड़बड़ियां की गयीं लेकिन चुनाव पर नजर रखने वाले अधिकारियों का कहना है कि कोई बड़ी अनियमितता नहीं हुई।

अलजजीरा के साथ आज एक साक्षात्कार में नेशनल साल्वेशन फ्रंट के नेता सैफ अल्ला अल खवांकी ने कहा कि निम्न मतदान इस परियोजना को खारिज किये जाने को दर्शाता है और हम उसमें यकीन नहीं करते।

उन्होंने कहा, ‘‘इस जनमत संग्रह की वैधता पर समान रूप से प्रश्न उठता है। इस संविधान का मसौदा तैयार करने वालों के अलावा किसी अन्य का प्रतिनिधित्व नहीं हुआ। ’’ मुर्सी और उनके समर्थकों का कहना है कि नया संविधान दशकों तक के सैन्य समर्थित निरंकुश शासन से संक्रमण पर मुहर लगाने के लिए आवश्यक है जबकि विपक्ष की राय में इसमें महिलाओं एवं अल्पसंख्यकों के अधिकारों की उपेक्षा की गयी है। (एजेंसी)

First Published: Saturday, December 22, 2012, 19:45

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