Last Updated: Monday, May 20, 2013, 12:49

इस्लामाबाद : पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ जरदारी ने कहा है कि उन्हें हाल में संपन्न आम चुनावों में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) का बेहतर प्रदर्शन सुनिश्चित करने के लिए अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए था और पार्टी की प्रचार मुहिम का नेतृत्व करना चाहिए था।
जरदारी ने लाहौर स्थित अपने निजी आवास में दक्षिण एशियाई स्वतंत्र मीडिया संघ के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत करते हुए यह टिप्पणी की। पिछले पांच वर्षों तक देश में सत्ता का नेतृत्व करने वाली पीपीपी को 11 मई को हुए चुनावों में पीएमएल-एन के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। यह पूछे जाने पर कि 2013 के चुनावों में वह क्या अलग कर सकते थे, जरदारी ने उत्तर दिया कि वह चुनाव मुहिम तेज करने के लिए राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे सकते थे। उन्होंने कहा कि उनके संवैधानिक पद के कारण और अन्य कई कारणों से पीपीपी की मुहिम नेतृत्वहीन हो गई थी।
जरदारी ने लाहौर उच्च न्यायालय के दबाव के कारण इस वर्ष की शुरुआत से राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेना छोड़ दिया था। अदालत ने आदेश दिया था कि राष्ट्रपति को राजनीतिक मामलों में तटस्थ और निष्पक्ष होना चाहिए। वह पीपीपी की चुनावी मुहिम में हिस्सा नहीं ले पाए थे और उनके बेटे बिलावल भुट्टो-जरदारी को भी चुनाव प्रचार के दौरान सार्वजनिक तौर पर कभी नहीं देखा गया।
जरदारी ने कहा कि पीपीपी तालिबान की धमकियों के कारण पंजाब प्रांत में उचित मुहिम नहीं चला सकी और न्यायपालिका भी पार्टी के खिलाफ थी। उन्होंने कहा कि पार्टी एक साथ कई चुनौतियों से नहीं लड़ सकी। (एजेंसी)
First Published: Monday, May 20, 2013, 12:49