मुशर्रफ का नामांकन खारिज करने का फैसला कायम

मुशर्रफ का नामांकन खारिज करने का फैसला कायम

मुशर्रफ का नामांकन खारिज करने का फैसला कायमइस्लामाबाद : पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ के, चार सीटों से संसदीय चुनाव लड़ने के प्रयासों को मंगलवार को उस समय बड़ा झटका लगा जब एक न्यायाधिकरण ने उन्हें पाकिस्तान की राजधानी और पंजाब प्रांत की दो सीटों से 11 मई को चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी।

इस न्यायाधिकरण में हाई कोर्ट के न्यायाधीश हैं। न्यायाधिकरण ने नेशनल असेंबली के लिए इस्लामाबाद और कसूर की दो नेशनल असेंबली निर्वाचन सीटों से मुशर्रफ के नामांकन पत्र खारिज करने के निर्वाचन अधिकारी के फैसले को बरकरार रखा।

इससे पहले एक अन्य निर्वाचन न्यायाधिकरण कराची की एक संसदीय सीट के लिए भरे गए नामांकन पत्र खारिज करने के विरोध में मुशर्रफ की अपील ठुकरा चुका है।

मुशर्रफ ने न्यायाधिकरण में निर्वाचन अधिकारी के फैसलों के खिलाफ एक अपील की थी लेकिन न्यायाधीशों ने इसे खारिज कर दिया।

पूर्व राष्ट्रपति की उम्मीदवारी का इस आधार पर विरोध किया गया था कि उन्होंने वर्ष 2007 में आपातकाल लागू कर संविधान का उल्लंघन किया था। इस बारे में आपत्तियां मिलने के बाद निर्वाचन अधिकारी ने मुशर्रफ के नामांकन पत्र खारिज कर दिए थे।

मुशर्रफ की योजना चार संसदीय सीटों से चुनाव लड़ने की थी लेकिन कराची, कसूर और इस्लामाबाद में निर्वाचन अधिकारी उनके नामांकन पत्र खारिज कर चुके हैं।

चितराल सीट से हालांकि पूर्व सैन्य शासक के नामांकन पत्र स्वीकार किए गए हैं लेकिन कई वकीलों ने मुशर्रफ की उम्मीदवारी का विरोध किया है।

पूर्व तानाशाह चार साल के आत्मनिर्वासन के बाद पिछले माह पाकिस्तान लौटे और उन्हें कई राजनीतिक तथा कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

पाकिस्तान में नयी नेशनल और प्रांतीय असेंबलियों के लिए 11 मई को चुनाव होने हैं। देश के 66 साल के इतिहास में यह पहला लोकतांत्रिक बदलाव है। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, April 16, 2013, 16:02

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