Last Updated: Monday, April 22, 2013, 21:07

इस्लामाबाद: पाकिस्तान की अंतरिम सरकार ने पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ को राहत देते हुए उनके खिलाफ संविधान का उल्लंघन करने के लिए देशद्रोह का मामला चलाने से इंकार किया है। उसका कहना है कि इसकी इजाजत देना उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं है।
आगामी 11 मई को होने वाले आम चुनाव के लिए पाकिस्तान में मीर हजार खान खोसो के नेतृत्व में कार्यवाहक सरकार का गठन किया गया है। इस अंतरिम सरकार की ओर से एटॉर्नी जनरल इरफान कादिर ने सुप्रीम कोर्ट को दिए अपने लिखित जवाब में यह बात कही है।
इसे मुशर्रफ के लिए थोड़े समय के लिए राहत माना जाएगा। पाकिस्तान में सिर्फ सरकार ही किसी के खिलाफ देशद्रोह का मामला चला सकती है। इस मामले में मौत की सजा का प्रावधान है।
कई वकीलों ने याचिकाएं दायर की थीं कि मुशर्रफ के खिलाफ देशद्रोह का मामला चलाया जाए और इसी पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार का रूख जाना था।
अपने जवाब में कार्यवाहक सरकार ने 69 साल के मुशर्रफ के खिलाफ अनुच्छेद 6 के तहत देशद्रोह का मामला चलाने से इंकार किया। उसने कहा कि अनुच्छेद 6 के तहत कोई कानूनी कदम उठाना उसे मिले अधिकार में शामिल नही है।
जवाब में कहा गया है कि सरकार राष्ट्रीय और प्रांतीय एसंेबली के चुनावों के लिए खड़े उम्मीदवारों को सुरक्षा देने में व्यस्त है।
ख्वाजा ने कहा कि अदालत सरकार से बीते आठ दिनों से जवाब मांग रही थी और अब प्रशासन कह रहा है कि वह कुछ नहीं कर सकता। उन्होंने आगे कहा कि भविष्य में यह सरकार ऐसा भी कह सकती है कि वह मुशर्रफ के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज नहीं करेगी। पीठ ने इस मामले की सुनवाई कल तक के लिए स्थगित कर दी। कल मुशर्रफ के वकील जिरह करेंगे।
कार्यवाहक सरकार के कानून मंत्री अहमर बिलाल सूफी ने संकेत दिया है कि अगर सुप्रीम कोर्ट कार्रवाई करने का आदेश देता है तो प्रशासन इसकी अहवेलना नहीं करेगा।
सूफी ने कहा कि हमारा पूरा ध्यान चुनाव की तैयारियों पर है। परंतु अदालत जो कहती है उसके मुताबिक हम कदम उठाने के लिए तैयार हैं। उधर, मुशर्रफ के वकीलों को उनके फार्महाउस में उनसे मिलने की इजाजत नहीं है। इस फार्महाउस को ही ‘उप जेल’ घोषित किया गया है। (एजेंसी)
First Published: Monday, April 22, 2013, 21:07