Last Updated: Sunday, March 4, 2012, 13:22
इस्लामाबाद : पाकिस्तान ने पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के खिलाफ रेड कार्नर नोटिस जारी किए जाने के लिए फ्रांस स्थित इंटरपोल से संपर्क किया है। पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या में मुशर्रफ की कथित संलिप्तता के मामले में उन्हें गिरफ्तार कर पाकिस्तान प्रत्यार्पित कराने के लिए यह कदम उठाया गया है।
गृह मंत्रालय ने पाकिस्तान में वैश्विक पुलिस संगठन के प्रतिनिधि के माध्यम से इंटरपोल सचिवालय को अपील पत्र भेजा है। डान दैनिक ने सूत्रों के हवाले से यह खबर दी है। संघीय जांच एजेंसी के वरिष्ठ अभियोजक चौधरी जुल्फिकार अली ने बताया कि भुट्टो की वर्ष 2007 में हुई हत्या के मामले की जांच करने वाले प्रमुख अधिकारी द्वारा पहले ही एक पत्र डायरेक्टर आफ इंटरपोल (पाकिस्तान) को भेजा जा चुका है। इस संबंध में भेजे गए औपचारिक अपील पत्र में कहा गया है कि वर्ष 2009 से आत्मनिर्वासन में दुबई और ब्रिटेन में रह रहे 68 वर्षीय मुशर्रफ इस मामले में आरोपी हैं।
इस मामले में जांच अधिकारी ने पाकिस्तान में इंटरपोल के डायरेक्टर को जो दस्तावेज सौंपे हैं उनमें जांच रिपोर्ट , आईएसआई की काउंटर इंटेलीजेंस विंग के तत्कालीन महानिदेशक जावेद इकबाल चीमा और खुफिया ब्यूरो के पूर्व महानिदेशक एजाज शाह के बयानों की प्रतियां, अमेरिकी पत्रकार मार्क सिगल द्वारा भुट्टो को भेजे गए ईमेल तथा आतंकवाद विरोध अदालत द्वारा जारी किए गए आदेशों की प्रतियां शामिल हैं।
इंटरपोल पाकिस्तान को दो फरवरी को भेजे गए पत्र में कहा गया है, इंटरपोल सचिवालय लियोन (फ्रांस) के महासचिव से पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के लिए रेड वारंट जारी करने तथा उन्हें इंटरपोल के जरिए गिरफ्तार करने की अपील की जाती है। रेड नोटिस की एक प्रति मेहरबानी कर इस मंत्रालय को भेजी जाए। ईमेल में मुशर्रफ की कम्प्यूटरीकृत राष्ट्रीय पहचान पत्र संख्या भी दी गयी है।
अभियोजनक अली ने बताया कि छोटे मोटे मामलों में विभिन्न देश रेड कॉर्नर नोटिस जारी होने के बावजूद सामान्य तौर पर उदार रवैया अपनाते हैं और आरोपी के प्रत्यर्पण से बचते हैं ।
उन्होंने कहा , लेकिन आतंकवाद और हत्या के मामलों में सरकारें एक दूसरे का सहयोग करती हैं ।
चूंकि भुट्टो की हत्या का मामला पाकिस्तान दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) और आतंकवाद विरोधी अधिनियम की धाराओं के तहत दर्ज है , ऐसे में पाकिस्तान मुशर्रफ की गिरफ्तारी के लिए तत्काल और सकारात्मक जवाब के इंतजार में है। लेकिन अंतरराष्ट्रीय कानूनों के विशेषज्ञ अहमर बिलाल सूफी ने कहा कि रेड कार्नर नोटिस प्रत्यर्पण व्यवस्था का विकल्प नहीं है।
उनहेंने कहा, यह एक देश द्वारा अन्य देशों को एक वांछित व्यक्ति की सूचना देना मात्र है। सूफी ने कहा कि पाकिस्तान और ब्रिटेन के बीच में कोई प्रत्यर्पण संधि नहीं है इसलिए यदि इंटरपोल मुशर्रफ के लिए रेड कार्नर नोटिस जारी भी करता है तो भी ब्रिटेन के लिए मुशर्रफ को प्रत्यर्पित करने की कोई कानूनी बाध्यता नहीं है। (एजेंसी)
First Published: Sunday, March 4, 2012, 18:52