Last Updated: Wednesday, March 6, 2013, 19:44

इस्लामाबाद : पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय में पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ पर वर्ष 2003 में हुए आत्मघाती हमले में शामिल होने के दोषी करार दिए गए दो लोगों की मौत की सजा को आज रद्द कर दिया। इन दोनों को सैन्य अदालत ने मौत की सजा सुनायी थी। प्रधान न्यायाधीश इफ्तिखार चौधरी की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने सैन्य अपीली न्यायाधिकरण की ओर से सुनायी गई मौत की सजा को खारिज कर दिया। पीठ दोनों व्यक्तियों की पुर्नीक्षा याचिका पर सुनवायी कर रही थी। साथ ही पीठ ने कहा कि दोनों को ‘फील्ड जनरल कोर्ट मार्शल’ की ओर से दी गई सजा काटनी होगी।
रावलपिंडी में 25 दिसंबर 2003 में मुशर्रफ के काफिले पर हुए आत्मघाती हमले में भूमिका होने के मामले में ‘फील्ड जनरल कोर्ट मार्शल’ ने राणा नवीद और आमिर सोहैल को दोषी करार दिया था। इस मामले में पहले नवीद को उम्र कैद जबकि सोहैल को 20 वर्ष कैद की सजा सुनायी गई थी। सैन्य अपीली न्यायाधिकरण ने बाद में कैद की सजा को मौत की सजा में तब्दील कर दिया। उच्चतम न्यायालय ने 28 फरवरी को इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुनवायी के दौरान पीठ ने सैन्य अदालत द्वारा कैद की सजा को मौत की सजा में बदलने के लिए अपनायी गई प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, March 6, 2013, 19:44