मूछें हों तो मलिक आमिर जैसी, वरना न हों

मूछें हों तो मलिक आमिर जैसी, वरना न हों

इस्लामाबाद : यूं तो कहा जाता है कि मूंछें ही मर्दानगी की पहचान होती हैं पर पाकिस्तान के एक कबायली व्यक्ति के लिए उसकी लंबी मूंछें मुसीबत बन गईं हैं। उग्रवादियों ने आमिर मुहम्मद खान को उनकी 30 इंच लंबी मूंछों के कारण अपना शहर छोड़ने के लिए मजबूर किया। अब आमिर अपनी इन खास मूंछों को एक अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में दिखाना चाहते हैं।

अफरीदी समुदाय के 42 वर्षीय मलिक आमिर मुहम्मद खान ने संवाददाताओं को बताया कि ‘लश्कर ए इस्लामी’ संगठन ने उसकी मूंछों को ‘गैर इस्लामी’ करार दिया जिसके कारण उसे 2008 में अपना शहर बारा छोड़ कर जाना पड़ा। 2008 में उसे लश्कर ए इस्लामी के उग्रवादियों ने पकड़ा और एक मजहबी नेता के पास ले गए जिसने उसकी मूंछों को ‘गैर इस्लामी’ करार दे दिया। मजहबी नेता ने उसे मूंछें साफ करवाने के भी निर्देश दिये।

आमिर का कहना है कि बंदूक दिखा कर उसकी मूंछे साफ करवायीं गयीं और वह पेशावर चला गया। लेकिन आमिर को मूछों से प्रेम इस कदर था कि उसने 18 महीनों में फिर से अपनी मूंछें उगा लीं। उसने बताया कि आतंकवादियों के डर से वह चार सालों से अपना शहर वापस नहीं जा पाया है। आमिर ने यह भी बताया कि वह अपनी इन मूंछों पर हर महीने 15 हजार रुपए खर्च करता है और अब वह अपनी मूंछें एक अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में दिखाना चाहता है।

खान अब ‘गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्सस’ में नाम दर्ज कराने की हसरत रखता है। उसने पाकिस्तानी सरकार और संगठनों से अपील की है कि वह उसकी सहायता करें जिससे वह पाकिस्तान के लिए पुरस्कार जीत सके। (एजेंसी)

First Published: Thursday, September 13, 2012, 17:34

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