मेमोगेट: एजाज नहीं दे पाए कोई सबूत - Zee News हिंदी

मेमोगेट: एजाज नहीं दे पाए कोई सबूत



इस्लामाबाद : कई सप्ताहों की देरी के बाद पाकिस्तानी मूल के विवादास्पद अमेरिकी व्यापारी मंसूर एजाज मेमो कांड की जांच कर रहे न्यायिक आयोग के समक्ष वीडियो लिंक के माध्यम से बुधवार को पेश हुए। एजाज वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से अपना बयान दर्ज करने के लिए लंदन में पाकिस्तान उच्चायोग आए तथा शीर्ष अदालत द्वारा नियुक्त तीन न्यायाधीशों के आयोग ने इस्लामाबाद में अपनी सुनवाई की।

 

मेमो कांड के मुख्य आरोपी ने इससे पहले सुरक्षा कारणों का हवाला देकर अपनी गवाही दर्ज कराने पाकिस्तान आने से इनकार कर दिया था। खबरिया चैनलों के अनुसार व्यापारी ने वह बयान पढ़ा जो उन्होंने पहले शीर्ष न्यायालय में सौंपी था। हालांकि वह कथित मेमो के बारे में अपने दावे की पुष्टि के लिए कोई भी सबूत नहीं दे पाए।

 

पाकिस्तानी नेताओं से अपने संपर्क को याद करते हुए एजाज ने कहा कि वह वर्ष 2003 में ब्रूसेल्स में आईएसआई के तत्कालीन प्रमुख जनरल उल हक से मिले थे। एजाज ने बताया कि वह 2005 में लंदन में पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ से मिले थे जबकि उन्होंने 2009 में राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी से भेंट की थी। उन्होंने बताया कि उन्होंने मौजूदा आईएसआई प्रमुख जनरल अहमद शुजा पाशा से पिछले साल लंदन के एक होटल में मुलाकात की थी। उन्होंने यह भी माना कि फिलहाल उनके पाकिस्तानी नेताओं से कुछ संपर्क हैं।

 

उन्होंने दावा किया कि कथित मेमो के लिए अमेरिका में पाकिस्तान के पूर्व दूत हुसैन हक्कानी के संपर्क में वह पिछले साल तीन मई को आए । उससे महज एक दिन पहले पाकिस्तानी शहर ऐबटाबाद में अमेरिकी सैन्य कार्रवाई में ओसामा बिन लादेन मारा गया था। एजाज ने दावा किया कि हक्कानी ने उनसे कहा था कि सेना जरदारी और उनकी सरकार पर दबाव बना रही है।

 

उधर, इस्लामाबाद में अटार्नी जनरल अनवारूल हक ने आयोग से कहा कि इजाज ने अपने दावे के समर्थन में जो ब्लैकबेरी संदेश पेश किए हैं, उनका फोरेंसिक परीक्षण आवश्यक है। हक ने कहा कि वीडियो कांफ्रेंसिंग के लिए लंदन में आयोग के जो सचिव मौजूद हैं वह इलेक्ट्रोनिक उपकरणों के विशेषज्ञ नहीं हैं और वह ब्लैकबेरी संदेशों की सत्यता को प्रमाणित नहीं कर सकते।

(एजेंसी)

First Published: Wednesday, February 22, 2012, 19:43

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