Last Updated: Saturday, December 17, 2011, 09:46
इस्लामाबाद: पाकिस्तानी प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी और सेनाध्यक्ष जनरल अश्फाक कयानी ने गुप्त ज्ञापन को लेकर अपने बीच टकराव होने के संदेह को समाप्त करने के लिए शनिवार को इस्लामाबाद में लंबी बैठक की।
दोनों ने बैठक के बाद कहा कि इस मुद्दे पर उनके अलग अलग विचार को गतिरोध नहीं करार दिया जाना चाहिए।
गिलानी और कयानी के बीच यह बैठक शुक्रवार रात तीन घंटे तक चली। यह बैठक सरकार और सेना की ओर से गुप्त ज्ञापन पर हाईकोर्ट में जवाब दायर करने के बाद हुई। यह गुप्त ज्ञापन एबटाबाद में गत दो मई को अमेरिका की सैन्य कार्रवाई में अलकायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के बाद संभावित सैन्य तख्तापलट रोकने में मदद के लिए अमेरिकी सेना को भेजा गया था।
बैठक के बाद गिलानी के कार्यालय की ओर से जारी बयान में गिलानी और कयानी के हवाले से कहा गया कि गुप्त ज्ञापन मुद्दे पर उनके अलग अलग विचारों को सेना और सरकार के बीच गतिरोध नहीं समझा जाना चाहिए।
गिलानी ने यह भी कहा कि गुप्त ज्ञापन मुद्दे पर विवाद होने के बारे में अटकलों को उन्होंने गंभीरता से लिया है और वह इसे पूरी तरह से खारिज करते हैं।
(एजेंसी )
First Published: Sunday, December 18, 2011, 11:31