Last Updated: Tuesday, June 12, 2012, 14:34
वाशिंगटन : न्यायिक व्यवस्था पर परोक्ष रूप से हमला करते हुए अमेरिका में पाकिस्तान के पूर्व राजदूत हुसैन हक्कानी ने आज मेमो आयोग की रिपोर्ट को ‘‘राजनीतिक एवं एकपक्षीय’’ करार दिया।
आयोग ने कहा कि गुप्त मेमो के पीछे हक्कानी का हाथ था जिसमें संभावित तख्तापलट से बचने के लिए अमेरिकी सहयोग मांगा गया था और आयोग ने कहा कि राजदूत के तौर पर काम करते हुए वह देश के प्रति ‘‘वफादार नहीं’’ थे।
हक्कानी ने आज यहां जारी बयान में कहा कि उनके वकील आयोग की एकतरफा कार्यवाही का विरोध करेंगे जिसने मेरा पक्ष नहीं सुना। उन्होंने कहा, मेमो आयोग की रिपोर्ट का उपयोग अन्य लज्जाजनक मुद्दों से ध्यान हटाना है। इसके दावे राजनीतिक हैं न कि कानूनी। हक्कानी ने ट्विट किया, आयोग ‘‘कोई अदालत नहीं’’ है और जो लोग यह दावा कर रहे हैं कि ‘‘इसने दोष या निर्दोष तय किया है तो वे गलत हैं।
ट्विटर पर उन्होंने लिखा, देशभक्ति वे लोग तय नहीं कर सकते जो आरोप लगाने वाले विदेशियों पर निर्भर हैं और पाकिस्तानी नागरिक की बात नहीं सुनते। जिन लोगों ने सेना के तानाशाहों का समर्थन किया और उन्हें संविधान में संशोधन की अनुमति दी वे मेरी या किसी और की देशभक्ति का आकलन नहीं कर सकते। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, June 12, 2012, 14:34