Last Updated: Sunday, January 22, 2012, 18:11
इस्लामाबाद\वाशिंगटन : विवादास्पद पाकिस्तानी अमेरिकी उद्योगपति मंसूर इजाज ने आरोप लगाया है कि पाकिस्तान सरकार उन्हें मेमो कांड में अगले सप्ताह इस्लामाबाद में गवाही देने से रोकने की कोशिश कर रही है।
इजाज ने पाकिस्तान के गृह मंत्री रहमान मलिक पर भ्रष्टाचार और चरित्र हनन में शामिल होने का आरोप लगाते हुए दावा किया कि उनके पास इसके सबूत हैं। उन्होंने सबूतों को सार्वजनिक करने की भी धमकी दी।
पाकिस्तान में राजनीतिक संकट पैदा करने वाले मेमोगेट कांड में केंद्रीय किरदार रहे इजाज ने एक बयान में दावा किया कि मलिक और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की सरकार एक बड़ी साजिश में शामिल है जिसके तहत उन्हें अगले सप्ताह मेमो कांड की जांच कर रहे न्यायिक आयोग के समक्ष गवाही से रोका जा सकता है। आयोग का गठन पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने किया था।
इजाज ने दलील दी कि मलिक ने राष्ट्रीय सुरक्षा पर पाकिस्तान की संसदीय समिति से उनकी मांग पर मुहर लगाने के लिए कहा था। व्यापारी ने आयोग के समक्ष खुद को पेश होने से रोकने के लिए मलिक पर कपटपूर्ण और कुटिल चाल चलने का आरोप भी लगाया।
इजाज ने एक बयान में कहा, यह घटनाक्रम उस वक्त हुआ है जब मैं पाकिस्तान आने के अपने कार्यक्रम को अंतिम रूप दे रहा हूं। इजाज इससे पहले तय कार्यक्रम के मुताबिक सोमवार को आयोग के समक्ष पेश नहीं हो सके। उसके बाद आयोग ने उन्हें 24 जनवरी को पेश होने के लिए कहा।
उद्यमी इजाज ने यह नहीं बताया कि वह आयोग के समक्ष गवाही देने के लिए इस्लामाबाद कब जाएंगे। लंदन में पाकिस्तान के मिशन ने गुरूवार को उन्हें वीजा जारी किया। इजाज का दावा है कि उनके पास मलिक की मामलों में सीधी संलिप्तता के पर्याप्त सबूत हैं जो इंटरपोल, पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट और दुनिया के अन्य जांच व न्यायिक प्राधिकारों के लिए पुख्ता सामग्री व सीधी जांच के लिहाज से कारगर साबित होंगे। (एजेंसी)
First Published: Sunday, January 22, 2012, 23:41