Last Updated: Friday, January 25, 2013, 20:11

वाशिंगटन : लश्कर-ए-तैयबा के पाकिस्तानी मूल के आतंकवादी डेविड हेडली ने अपनी सजा को कम करने के लिए आखिरी हथियार ‘पश्चाताप’ को बनाया। उसने न्यायाधीश के नाम एक भावनात्मक पत्र लिखकर दावा किया कि अब बदल गया है और अतीत की करतूतों को लेकर उसे दुख है।
शिकागो में अमेरिकी न्यायाधीश हैरी डी लेनेनवेबर ने इस पत्र को हासिल किया और हेडली से कहा कि उसके अतीत के रिकार्ड को देखते हुए उस पर भरोसा कर पाना मुश्किल है। हेडली के वकील रॉबर्ट सीडर ने संवाददाताओं को बताया, ‘हेडली ने न्यायाधीश को दिए पत्र में ग्लानि प्रकट की और उसने स्पष्ट किया कि अतीत को लेकर वह कितना खेद महसूस कर रहा है।’
न्यायाधीश ने कहा, ‘मुझे हेडली पर उस स्थिति में कोई भरोसा नहीं है जब वह कहता है कि बदल चुका है। मेरा मानना है कि हेडली से लोगों की सुरक्षा करना मेरा कर्तव्य है। यह भी सुनिश्चित करना है कि वह आगे किसी आतंकवादी गतिविधि में शामिल नहीं हो सके।’ शिकागो अदालत के न्यायाधीश ने 52 साल के हेडली को 35 साल की सजा सुनाई। रिहाई के पांच साल तक बाद भी वह निगरानी में रहेगा।
हेडली को मुंबई हमले की साजिश रचने और डेनमार्क के एक अखबार के दफ्तर पर आतंकी हमले की साजिश में भूमिका सहित आतंकवाद के कई मामलों में दोषी पाया गया। संघीय अभियोजकों ने कहा कि उन्हें इस बात का ज्यादा फर्क नहीं पड़ता कि हेडली पश्चाताप कर रहा है।
कार्यवाहक एटॉर्नी गैरी एस शैपिरो ने कहा, ‘इस बारे में नहीं जानता कि हेडली के पश्चाताप का दावा कितना गंभीर है। मुझे इस बात की कोई परवाह नहीं है। मुझे इस बात की परवाह है कि वह हमें सच बताता रहे और यही वास्तव में महत्वपूर्ण है।’ उन्होंने कहा, ‘मैं उम्मीद करता हूं कि भविष्य के मामलों में कई और लोग सहयोग करेंगे।’ (एजेंसी)
First Published: Friday, January 25, 2013, 20:11